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DRDO का कमाल: अब दुश्मनों पर ड्रोन से गिरेंगी मिसाइलें, भारत की ताकत में इजाफा

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दिल्ली, भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ड्रोन से लांच की जाने वाली लक्ष्यभेदी मिसाइल (यूएलपीजीएम)-वी3 का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा आंध्र प्रदेश के कर्नूल स्थित नेशनल ओपन एरिया रेंज में किया गया। यह मिसाइल आधुनिक युद्ध की जरूरतों को ध्यान में रखकर विकसित की गई है, जिसमें दुश्मन के ठिकानों को न्यूनतम जोखिम के साथ नष्ट करने की क्षमता शामिल है। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अपनी गति, सटीकता और लक्ष्य को नष्ट करने की क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर डीआरडीओ और इसके पार्टनर्स को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भारत की रक्षा क्षमताओं को एक बड़ा बढ़ावा मिला है। डीआरडीओ ने यूएवी लांच्ड प्रिसिजन गाइडेड मिसाइल (यूएलपीजीएम)-वी3 के फ्लाइट ट्रायल को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

यह सफलता दर्शाती है कि भारतीय उद्योग अब महत्त्वपूर्ण रक्षा तकनीकों को आत्मसात करने और उत्पादन करने में सक्षम है। यूएलपीजीएम-वी3 का यह वर्जन पूर्ववर्ती वी2 वेरिएंट का एडवांस रूप है, जिसे डीआरडीओ की टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लैबोरेटरी द्वारा तैयार किया गया था। वी2 वेरिएंट में मल्टीपल वॉरहेड कॉन्फिगरेशन की सुविधा थी, जबकि वी3 में और अधिक एडवांस तकनीकें शामिल की गई हैं, जैसे कि इमेजिंग इन्फ्रारेड सीकर और ड्यूल थ्रस्ट प्रोपल्शन सिस्टम, जिससे इसकी रेंज और मारक क्षमता दोनों में वृद्धि हुई है। यह मिसाइल विशेष रूप से मानव रहित हवाई वाहनों यानी यूएवी के माध्यम से लांच की जा सकती है, जिससे यह दुश्मन की चौकसी के बावजूद गुप्त हमले करने में सक्षम बनती है।

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