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दिव्यांश नासा में लहराएगा भारत का परचम, शुभांशु को मानता है आइडल

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करनाल। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को अपना आइडल मानने वाला करनाल का दिव्यांश का चयन अमेरिका के प्रतिष्ठित यूनाइटेड स्पेस स्कूल के लिए हुआ है, जहां वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। अमेरिका के एक स्पेस एजुकेशन की ओर से हर साल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें चयनित होने वाले छात्रों को नासा वैज्ञानिकों, अंतरिक्ष यात्रियों और इंजीनियरों के मार्गदर्शन में अंतरिक्ष मिशन की शिक्षा देती है।
इस साल कार्यक्रम में 25 देशों के 44 विद्यार्थियों को बुलाया गया, जो मिलकर मंगल ग्रह पर मानव मिशन की रूपरेखा तैयार करेंगे। कार्यक्रम के लिए भारत से हजारों छात्रों ने आवेदन किया, लेकिन सिर्फ दो छात्रों का ही चयन हुआ, जिसमें से एक दिव्यांश कौशिक हैं। अमेरिका जाने से पहले दिव्यांश के लिए करनाल के स्कूल में सम्मान समारोह रखा गया। इसमें करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता मौजूद थीं।
दिव्यांश का सपना एरोनॉटिकल इंजीनियर बनने का है और इस चयन ने उनके सपनों को नई ऊंचाइयां दी है। दिव्यांश ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं। यूनाइटेड स्पेस स्कूल में आने वाले छात्रों से बात हुई है। हम सब एक-दूसरे से मिलने के लिए उत्साहित हैं। दिव्यांश ने बताया कि यूनाइटेड स्पेस स्कूल में स्पेस एजुकेशन के बारे में पढ़ाई के साथ ट्रेनिंग होगी। कुछ अध्ययन भी कराए जाएंगे। 
अंतरिक्ष में गए शुभांशु शुक्ला को लेकर दिव्यांश ने कहा कि उसने पीएम मोदी के साथ शुभांशु शुक्ला इंटरव्यू देखा। वे मेरे आइडल बन चुके हैं। मुझे उनसे बहुत प्रेरणा मिली है। दिव्यांश की मां ने कहा कि मेरा बेटा वहां जाकर सर्वश्रेष्ठ काम करे। वह 15 दिन के लिए जा रहा है, उसे वहां बहुत कुछ सीखना है। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि वो अपना बेस्ट करे और भारत का नाम रोशन करे। 
करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता ने दिव्यांश को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि दिव्यांश ने बहुत मेहनत की है, जिससे उसे नासा में जाने का मौका मिला है। मैंने उसका विजन समझा है, जिस तरह वह एक अंतरिक्ष यात्री बनना चाहता है। उसके लिए 15 दिन ऐतिहासिक होने वाले हैं।

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