Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

Discrimination against Multai : फिर एक बार मुलताई के साथ भेदभाव

By
On:

छिंदवाड़ा में एक और तहसील को जिला बनाने की तैयारी

Discrimination against Multai बैतूल – 1956 में गठित मध्यप्रदेश में गठित वर्तमान में कुल 55 जिले हैं। लेकिन गठन के बाद पहली बार 1972 में नए जिले बनाने की कवायद शुरू हुई थी। और 2023 तक बढ़ते-बढ़ते प्रदेश में जिलों की संख्या 55 हो गई थी। हाल ही में विधानसभा चुनाव के पहले छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा तहसील को भी नया जिला बनाया गया था। लेकिन वर्षों से बैतूल जिले की मुलताई तहसील को जिला बनाने की मांग पर विचार करना तो दूर प्रदेश स्तर पर कहीं चर्चा भी नहीं हो रही है। एक बार फिर छिंदवाड़ा जिले को तोडक़र जुन्नारदेव (जामई) तहसील को नया जिला बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसको लेकर मुलताई को जिला बनाने की मांग कर आंदोलन करने वाले अपने आपको को ठगा महसूस कर रहे हैं।

हर बार हो रही भारी उपेक्षा | Discrimination against Multai

लंबे समय से बैतूल से अलग करके मुलताई को नया जिला बनाने को लेकर मुलताई में समितियां भी बनी और आंदोलन भी हुए लेकिन नेताओं के आश्वासन का झुनझुना लेकर मुलताई के जागरूक नागरिक शांत बैठ गए। आंदोलनकारियों का प्रस्ताव यह भी रहा है कि मुलताई की समीपस्थ पांढुर्णा तहसील को मिलाकर मुलताई नया जिला बन सकता था लेकिन इन संभावनाओं को खत्म करते हुए राज्य शासन ने पांढुर्णा को नया जिला बनाने में रूचि दिखाई और आनन-फानन में घोषणा होने के साथ पांढुर्णा को जिला बना दिया गया। और प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी गर्ई। तब भी मुलताई क्षेत्र के जनप्रतिनिधि शांत दिखाई दिए।

मुलताई जिला बनाने की संभावना हुइ क्षीण

पांढुर्णा और सौंसर दो विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर नया पांढुर्णा जिला बनने के बाद मुलताई के नया जिला बनाने की संभावनाएं खत्म सी हो गई हैं, क्योंकि संपूर्ण मुलताई विधानसभा क्षेत्र को एक जिला नहीं बनाया जा सकता है। और यदि राज्य शासन ने मुलताई को नया जिला बनाना होगा तो इसके लिए भैंसदेही या आमला विधानसभा के संपूर्ण क्षेत्र को जोडऩा होगा जो तकनीकी, प्रशासनिक और व्यवहारिक रूप से आसान नहीं दिख रहा है इसलिए अब मुलताई को नया जिला बनाना दूर की कौड़ी दिखाई दे रही है।

डॉ. सुनीलम ने भी लिखे थे कई पत्र

मुलताई क्षेत्र के पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने मीडिया से चर्चा में कहा कि जब कांग्रेस विधायक ने सवाल पूछा था उससे कहा जाता है कि इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही और भाजपा का कार्यकर्ता पत्र लिखता है तो उसके ऊपर कार्रवाई शुरू हो जाती है। मैंने मुलताई को जिला बुलाने के लिए कई पत्र लिखे कई ज्ञापन दिए आंदोलन किया लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं दिया।

जुन्नारदेव को भी जिला बनाने की तैयारी

बैतूल जिले की सीमा से पांढुर्णा और सारनी क्षेत्र की सीमा से जुन्नारदेव लगा हुआ है। छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव को जिला बनाने के लिए राज्य शासन ने कलेक्टर छिंदवाड़ा से रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि छिंदवाड़ा जिले के कई बीजेपी नेताओं ने इस संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ज्ञापन दिया था। छिंदवाड़ा लोकसभा में शामिल 7 विधानसभा क्षेत्र पहले एक ही जिले में आते थे, अब पांढुर्णा के बाद जुन्नारदेव जिला बनता है तो वर्तमान छिंदवाड़ा लोकसभा सीट तीन जिलों में विभाजित हो जाएगी। और छिंदवाड़ा लोकसभा की प्रशासनिक व्यवस्था विकेंद्रीयकरण तीन जिलों में हो जाएगा।

कांग्रेस विधायक को किया था इंकार

जुन्नारदेव के कांग्रेस विधायक सुनील उइके का कहना है कि वे जुन्नारदेव को जिला बनाने की लंबे समय से मंाग कर रहे थे। विधानसभा के बजट सत्र में जब उन्होंने जुन्नारदेव को जिला बनाने को सवाल पूछा था तो राजस्व मंत्री ने जवाब दिया था कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। जिस तरह से राज्य शासन ने छिंदवाड़ा कलेक्टर से जुन्नारदेव को जिला बनाने जानकारी मांगी है तो उसमें जुन्नारदेव के साथ तामिया, परासिया और उमरेठ तहसील नए जिले में शामिल हो सकती हैं।

For Feedback - feedback@example.com

Related News

Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News