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Devi Bhagwat Katha : देवी भागवत कथा का समापन

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छिन्न मस्तिका माता मंदिर में हुआ आयोजन

Devi Bhagwat Kathaबैतूल – प्रसिद्ध धार्मिक आस्था का केंद्र छिन्न मस्तिका माता मंदिर में पिछले सात दिनों से चल रही देवी भागवत कथा का आज समापन हुआ। इस दौरान दुर्गा सप्तसती का हवन भी किया गया। सदर के काशी तालाब पर स्थित छिन्न मस्तिका माता मंदिर में 6 जुलाई से देवी भागवत कथा शुरू हुई थी। प्रतिदिन कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे थे। आज दुर्गा सप्तसती हवन के साथ कथा का समापन हुआ। इस अवसर पर कन्या भोज का आयोजन किया गया और प्रसादी वितरण भी की गई।

छिन्न मस्तिका माता मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नवनीत गर्ग के मार्गदर्शन में हुए इस धार्मिक आयोजन की व्यवस्था पंडित आनंद अग्रवाल के द्वारा की गई। कार्यक्रम में जितेंद्र साहू, मंगलेश साहू, दुष्यंत साहू, चंदू साहू, विजय मालवीय, अनिल पाखरे, पंकज धोटे, गुलशन बतरा, पराग जातेगाओंकार, मनीष उइके, हर्ष सोनपुरे, कंचन साहू, मनीषा साहू, स्वाति मालवी सहित मंदिर से जुड़े भक्तों का विशेष योगदान रहा। इस मौके पर श्रीमती साक्षी शर्मा एवं उनके सहयोगी भजन मंडली ने भजनों की प्रस्तुति दी।Devi Bhagwat Katha

Devi Bhagwat Katha: Conclusion of Devi Bhagwat Katha

ट्रस्ट के अध्यक्ष नवनीत गर्ग ने बताया कि छिन्न मस्तिका माता मंदिर के ओरिजनल स्वरूप की मूर्ति का देश का यह दूसरा मंदिर है। पहला मंदिर झारखंड के रजूरप्पा में है। उन्होंने बताया कि 10 अप्रैल 2017 को इस मंदिर में प्रतिमा की स्थापना की गई थी। यह देवी का जागृत मंदिर माना जाता है। यहां पर सच्चे मन से मांगी गई मन्नत पूरी होती है और मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु यहां पूजा अर्चना करने आते हैं। इस मंदिर में देश के कई स्थानों से लोग दर्शन के लिए आते हैं। Devi Bhagwat Katha

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