Detonator: साबिर बोला : सेक्शन इंजीनियर को फंसाने के इरादे से डेटोनेटर चुराए 

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Detonator: खंडवा-मुंबई रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर रखने के मामले में गिरफ्तार रेलवे कर्मचारी साबिर ने अपनी पूछताछ के दौरान बताया कि उसने सेक्शन इंजीनियर को फंसाने के इरादे से डेटोनेटर चुराए थे। उसकी मंशा सीनियर सेक्शन इंजीनियर को परेशान करना था, क्योंकि उसके अनुसार, इंजीनियर उसे कठिन ड्यूटी पर भेजते थे और जान बूझकर परेशान करते थे। हालांकि, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को साबिर की इस बात पर संदेह है और उन्होंने उसके खिलाफ जांच जारी रखी है।

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मामले की पृष्ठभूमि:

19 सितंबर को खंडवा-मुंबई रेलवे ट्रैक पर 10 डेटोनेटर पाए गए, जिन्हें वहां रखने का कोई तर्कसंगत कारण नहीं था। इनका उपयोग आमतौर पर कोहरे के समय या आकस्मिक रुकावट के दौरान किया जाता है, लेकिन वहां ऐसी कोई स्थिति नहीं थी। आरपीएफ ने भुसावल से प्रशिक्षित स्निफर डॉग “जेम्स” की मदद ली, जिसने घटना स्थल से 12 किलोमीटर दूर डोंगरगांव में साबिर तक पहुंचाया। साबिर ने दावा किया कि वह 18 सितंबर को छुट्टी पर था, लेकिन जांच में उसकी संलिप्तता स्पष्ट हो गई।

साबिर की गिरफ्तारी और पूछताछ:

साबिर मेट के पद पर कार्यरत था और उसे रेलवे द्वारा डेटोनेटर जारी किए जाते थे। पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि उसने सीनियर सेक्शन इंजीनियर के केबिन से डेटोनेटर चुराए थे। वह सीनियर इंजीनियर से बदला लेना चाहता था, क्योंकि उसे लगता था कि इंजीनियर उसे कठिन ड्यूटी पर लगाता था। हालांकि, इस मामले में जांच एजेंसियां साबिर के बयान की गहराई से जांच कर रही हैं, क्योंकि वह खंडवा की गुलमोहर कॉलोनी का निवासी है, जो पहले प्रतिबंधित संगठन सिमी का गढ़ माना जाता था।

आरपीएफ और अन्य जांच एजेंसियों की प्रतिक्रिया:

इस घटना की गंभीरता को देखते हुए आरपीएफ के अलावा अन्य जांच एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। साबिर की रिमांड को 5 दिन और बढ़ा दिया गया है ताकि उसकी पूरी तरह से पूछताछ की जा सके। जांच एजेंसियां यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि यह केवल व्यक्तिगत दुश्मनी का मामला है या इसके पीछे कोई और गहरी साजिश है।

रेलवे की तैयारी:

मध्य रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, डेटोनेटर का इस्तेमाल कोहरे के समय सिग्नल या किसी आकस्मिक परिस्थिति के दौरान होता है, और इनका कोई और उपयोग नहीं है। रेलवे इनका निर्माण खुद करता है, और इनकी वैधता 5 साल होती है। इस घटना के बाद, रेलवे ट्रैक पर बढ़ती साजिशों को देखते हुए गृह मंत्रालय रेलवे एक्ट 1989 की धारा 151 में बदलाव करने की योजना बना रहा है। अब साजिश की सूरत में इसे देशद्रोह की श्रेणी में लाने की तैयारी हो रही है, जिसके तहत कठोर सजा और जुर्माना लग सकता है।

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