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प्रतिबंध के बाद भी नगर सहित क्षेत्र में धडल्‍ले से बज रहे है डीजे

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प्रतिबंध के बाद भी नगर सहित क्षेत्र में धडल्‍ले से बज रहे है डीजे
ध्‍वनि विस्‍तारक यंत्रो के नाम पर कानफोडू आवाज में बजाए जा रहे है डीजे

मुलताई। नगर सहित क्षेत्र में धडल्‍ले से ध्‍वनि विस्‍तारक यंत्रो के नाम पर डीजे बजाए जा रहे है। लेकिन प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्‍यान नही दिया जा रहा है। जिससे किसी भी कार्यक्रम में डीजे बजाने की परपंरा सी बन गई है। कानफोडू आवाज में डीजे बजने से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड रहा है। गौरतलब है कि डीजे बजाने पर देश के सर्वोच्‍य न्‍यायालय द्वारा भी प्रतिबंध लगाने के आदेश कई वर्षो पूर्व जारी किए गए है। वही कलेक्‍टर द्वारा भी वाहन में 4 बाक्‍स से ज्‍यादा रखकर तेज आवाज में डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। जबकि प्रदेश के मुख्‍यमंत्री मोहन यादव ने भी अपनी नई सरकार के गठन के बाद दिसम्‍बर 2023 में निर्धारित डेसिबल से अधिक आवाज में ध्‍वनि विस्‍तारक यंत्रो का प्रयोग करने पर प्रतिबंध लगाया गया है । जिसके बाद प्रशासन द्वारा कार्रवाई भी की गई है। लेकिन कार्रवाई करने के बाद भी इससे सबक ना लेते हुए डीजे संचालकों द्वारा अधिकांश कार्यक्रमों में धडल्‍ले से सडकों पर डीजे बजाए जा रहे है। खासतौर से देखने में आया है क‍ि शादियों के सीजन में डीजे लगाकर बारात निकाली जाती है । जिनके द्वारा कानफोडू आवाज में डीजे बजाए जा रहे है।
निर्धारित डेसिबल से ज्यादा पर बजाए जा रहे है ध्वनि वितारक यंत्र एवं डीजे
प्रदेश में दिसम्बर के माह में नई सरकार आने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा 13 दिम्सबर 2023 को जारी किया गया था । जिसमें प्रत्येक क्षेत्र के लिए अलग अलग क्षमता निर्धारित की गई थी। औद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय 75 डेसिबल रात्रि के समय 70 डेसिबल,व्यवसायिक क्षेत्र में दिन के समय 65 डेसिबल एवं रात्रि के समय 55 डेसिबल, आवासीय क्षेत्र में दिन के समय 55 डेसिबल रात्रि के समय 45 डेसिबल तथा साइलेंट जोन में दिन के समय 50 डेसिबल रात्रि के समय 40 डेसिबल क्षमता तय बताई गई । निर्धारित क्षमता से अधिक डेसिबल पर ध्वनि वितारक यंत्र का उपयोग करने पर कार्यवाही किए जाने के आदेश किए गए थे।
रैली, धार्मिक आयोजनों में हो रहा है जमकर उपयोग
प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद भी लोगो द्वारा प्रशासन से ध्‍वनि विस्‍तारक यंत्र का उपयोग करने की अनुमति ली जाती है । लेकिन अनुमति मिलने के पश्‍चात उच्‍च ध्‍वनि वाले डीजे बुलवाकर कर उपयोग किया जाता है। यह देखने में आया है कि लोगो द्वारा अपने कार्यक्रम शादी, विवाह अथवा धार्मिक आयोजनों में नगर एवं बाहर से डीजे बुलवाए जाते है जिसमें काफी तेज आवाज से संगीत बजाया जाता है। जो कि कानफोडू आवाज वाला होता है। शासन द्वारा धार्मिक आयोजनों में यह भी निर्धारित किया गया है कि धार्मिक भजनों एवं धार्मिक गीतों के अलावा फुअड गीतो को नही बजाया जाएगा । लेकिन प्रशासन की नाक के नीचे डीजे संचालकों द्वारा फुअड गीतों को बजाया जाता है। जिस पर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नही की जा रही है।
बिना अनुमति के भी बजाए जा रहे है डीजे
नगर में होने वाले विभिन्‍ना कार्यक्रमों में यह भी देखने में आया है कि अधिकांश कार्यक्रमों के आयोजकों द्वारा कार्यक्रम में ध्‍वनि विस्‍तारक यंत्र का उपयोग करने की अनुमति नही ली जाती है। नियमानुसार ध्‍वनि विस्‍तारक यंत्रो का उपयोग करने के पूर्व कार्यक्रम के आयोजक को प्रशासन से अनुमति प्राप्‍त करना होता है। जिसके आवेदन में उसे यह जानकारी देना होता है कि वह किस समय से किस समय तक उसका उपयोग कहां कहा करेगा। आवेदन में दी गई जानकारी से संतुष्‍ट होकर संबधित अधिकारी द्वारा उसे उपयोग हेतु अनुमति प्रदान की जाती है। लेकिन अधिकाशं कार्यक्रमों में यह देखने में आया है कि आयोजकों द्वारा डीजे तो बजाया जाता है लेकिन उनके पास ध्‍वनि विस्‍तारक यंत्र की वांछित अनुमति भी नही होती है। जिसके बाद भी प्रशासन मौन रहकर कोई कार्रवाई नही करता है ।
बुजुर्गो एवं बीमारों पर पडता है विपरीत प्रभाव
क्षमता से अधिक आवाज वाले डीजे को नगर के मध्‍य मुख्‍य मार्गो से रहवासी इलाकों में घुमाया जाता है। जिसके कारण आवासीय क्षेत्र में रहने वाले बुजुर्गो एवं बीमारों लोगो को काफी तकलीफों का सामना करना पडता है। बीपी एवं हदय रोग से पीडित लोगों के लिए डीजे एक काल के रूप में होता है। डीजे की आवाज काफी कंपन पैदा करती है जिसके कारण हदय की गति बढ जाती है। जिससे किसी प्रकार अप्रिय घटना भी घटित हो सकती है। डीजे की धुन पर शराब की नशे में लोग डीजे एक ही स्‍थान पर खडा कर नाचते रहते है।डीजे एक ही स्‍थान पर खडा रह काफी कंपन पैदा करता है। जिससे लोगो को मानसिक एवं शाररिक विकार का सामना करना होता है।
पुरानी इमारतों के लिए है खतरा,हो सकती है दुघर्टना
तेज आवाज वाले डीजे को एक स्‍थान पर खडा कर डीजे बजाया जाता है जिसके कारण वह काफी कंपन पैदा करता है जिससे पुरानी इमारतों को नुकसान पहुच रहा है। डीजे की आवाज इतनी तेज होती है कि डीजे इमारतो की दीवारे कापनें लगती है। वही दीवारो पर लगा सामान नीचे गिरने लगता है। दरवाजो में लगें कांच टूट जाते है। इन स्थिति के चलते कोई अप्रिय घटना भी घटित हो सकती है।
इनका कहना…
मामला संज्ञान में आया है कार्रवाई की जाएगी ।
देवकरण डेहरिया थाना प्रभारी मुलताई

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