नई दिल्ली। देश-दुनिया के बदलते हालात को देखते हुए आर्म्ड फोर्सेज को और सशक्त बनाने की कोशिशें जारी हैं। मिसाइल, ड्रोन, फाइटर जेट के साथ ही स्वदेशी तकनीक से एयर डिफेंस सिस्टम डेवलप किया जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने भारत की सैन्य ताकत देखी। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल से लेकर आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने अपनी ताकत दिखाई। भारत डिफेंस सेक्टर में नए सिरे से मील का पत्थर रखने की दहलीज पर खड़ा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल तमाम तरह की लेट लतीफी के बाद सितंबर में दो तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट की डिलीवरी कर सकता है। यह देसी ‘राफेल’ ब्रह्मोस मिसाइल से लैस होगा। बता दें सरकार ने एचएएल को तेजस फाइटर जेट के लिए कुल मिलाकर 1.15 लाख करोड़ रुपए का ठेका दिया है। देश में स्वदेशी रक्षा उत्पादन को नई गति मिलने जा रही है। रक्षा सचिव आरके सिंह ने कहा कि एयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) अगले महीने भारतीय वायुसेना को दो तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान सौंपेगी।
उन्होंने बताया कि सरकार दो विमानों की डिलीवरी के बाद 97 अतिरिक्त तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए एचएएल के साथ एक और अनुबंध करने जा रही है। उन्होंने कहा कि संभावना है कि सितंबर के अंत तक दो तेजस विमान वेपन इंटीग्रेशन के साथ एयरफोर्स को मिल जाएंगे। बता दें मौजूदा समय में इंडियन एयरफोर्स के पास 38 तेजस लड़ाकू विमान सेवा में हैं, जबकि 80 से ज्यादा का काम जारी है। फरवरी 2021 में रक्षा मंत्रालय ने 83 तेजस एमके-1ए विमानों की खरीद के लिए एचएएल के साथ 48 हजार करोड़ का करार किया था। हालांकि इन विमानों की डिलीवरी में देरी हो रही है, क्योंकि अमेरिकी रक्षा कंपनी जीई एयरोस्पेस ने इंजन सप्लाई के कई डेडलाइन को चूक दिया है। पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने करीब 67 हजार करोड़ रुपए की लागत से 97 अतिरिक्त तेजस विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी। इस पर रक्षा सचिव ने कहा कि एचएएल को साफ कर दिया है कि यह करार तभी साइन होगा जब एचएएल दो तेजस विमानों को संपूर्ण पैकेज के साथ सौंप देगा।
डिफेंस सेक्रेट्री ने भरोसा जताया कि आने वाले सालों में तेजस भारतीय वायुसेना की रीढ़ बनेगा। उन्होंने कहा कि एचएएल के पास अब चार से पांच साल का ऑर्डर बुक रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि वे इस प्लेटफॉर्म को परफेक्ट करेंगे, इसमें रडार और भारतीय हथियारों का एकीकरण करेंगे ताकि यह सुखोई के साथ मिलकर वायुसेना का मुख्य आधार बन सके। रक्षा सचिव ने कहा कि वर्तमान में स्क्वाड्रन की संख्या 31 है, जबकि अधिकृत ताकत 42 स्क्वाड्रन की है। इसको पाटने के लिए हमें अन्य विकल्प भी तलाशने होंगे। तेजस एक सिंगल-इंजन, मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसे वायु रक्षा, समुद्री टोही और स्ट्राइक मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है। इसे वायुसेना के पुराने हो चुके मिग-21 विमानों की जगह लेने के लिए विकसित किया गया है।
आसमान में दुनिया को ताकत दिखाएगा देसी ‘राफेल’, ब्रह्मोस मिसाइल से होगा लैस

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