Delhi Blast Update: दिल्ली के लाल किले के पास हुए सोमवार के धमाके ने पूरे देश को हिला दिया है। इस विस्फोट में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से ज्यादा घायल हैं। जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि दिल्ली ब्लास्ट का तार तुर्की (Turkey) से जुड़ा है। सुरक्षा एजेंसियां इस कड़ी की जांच में जुटी हैं कि आखिर भारत में बैठे आतंकी तुर्की से कैसे निर्देश ले रहे थे।
तुर्की के अंकारा से मिला कनेक्शन
जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आतंकियों और उमर नामक आरोपी का संपर्क एक हैंडलर “उकासा” (Ukasa) से था। एजेंसियों का मानना है कि यह नाम कोडनेम भी हो सकता है। यह हैंडलर तुर्की की राजधानी अंकारा (Ankara) से उन्हें निर्देश देता था। बताया जा रहा है कि साल 2022 के मार्च महीने में कुछ लोग भारत से अंकारा गए थे, जहां उन्हें ब्रेनवॉश किया गया। इसके बाद ही देश में आतंकी गतिविधियों की साजिश रची जाने लगी।
कोड वर्ड में चल रही थी आतंकी बात
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों और उनके विदेशी हैंडलर के बीच बातचीत एन्क्रिप्टेड चैटिंग ऐप Session पर होती थी। वे सीधे शब्दों में विस्फोटक का नाम नहीं लेते थे, बल्कि “शिपमेंट” और “पैकेज” जैसे कोड वर्ड इस्तेमाल करते थे। बाद में जब उनके मोबाइल फोन की जांच हुई, तो इन शब्दों का खुलासा हुआ। धमाके में इस्तेमाल किया गया अमोनियम नाइट्रेट, ऑक्साइड और फ्यूल ऑयल इन्हीं “पैकेज” और “शिपमेंट” के रूप में भेजे जाते थे।
चार शहरों में एक साथ धमाकों की साजिश
जांच में यह भी पता चला है कि करीब आठ संदिग्धों ने चार अलग-अलग शहरों में सीरियल ब्लास्ट की साजिश रची थी। हर ग्रुप में दो-दो आतंकी थे, जिनके पास IED बम तैयार करने की जिम्मेदारी थी। योजना थी कि सभी टीमें एक ही समय पर चार शहरों में धमाके करें ताकि पूरे देश में दहशत फैलाई जा सके। अब सुरक्षा एजेंसियां इन ग्रुप्स के नेटवर्क और कनेक्शन को खंगाल रही हैं।
समय रहते फेल हुई बड़ी आतंकी साजिश
इंटेलिजेंस एजेंसियों ने 12 नवंबर के लिए अलर्ट जारी किया था। जांच में मिले दस्तावेजों में 12 तारीख का जिक्र था, जिससे पता चला कि आतंकियों का मकसद उस दिन देशभर में बड़े धमाके करने का था। लेकिन 10 नवंबर को ही डॉक्टर मॉड्यूल के पकड़े जाने के बाद उनकी साजिश नाकाम हो गई। इस गिरफ्तारी ने एक बड़े हमले को समय रहते रोक दिया।
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जांच में बढ़ी सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
दिल्ली ब्लास्ट के तुर्की लिंक सामने आने के बाद अब एनआईए, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और इंटेलिजेंस ब्यूरो ने मिलकर जांच तेज कर दी है। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि भारत में कौन-कौन लोग इस विदेशी नेटवर्क से जुड़े हैं। फिलहाल दिल्ली धमाके ने यह साफ कर दिया है कि भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साजिश रची जा रही है, लेकिन समय रहते सतर्कता से देश को एक बड़े हादसे से बचा लिया गया।





