आम लोगों में इस बढ़ती महंगाई को लेकर रोष व्याप्त
Dearness: नवरात्र के पावन पर्व की शुरुआत के साथ ही श्रद्धालु माता रानी की भक्ति में डूब गए हैं, लेकिन इस साल महंगाई का असर त्योहार पर स्पष्ट रूप से दिख रहा है। माता रानी की पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री की कीमतों में बढ़ोतरी ने खासकर निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए पूजा करना महंगा बना दिया है। फलाहार और पूजन सामग्री दोनों ही महंगे हो गए हैं, जिससे व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ रहा है।
महंगाई का असर:
- पूजन सामग्री: नारियल, तेल, घी, माता की चुनरी, श्रृंगार पेटी, और अन्य वस्तुएं जो मंदिर में चढ़ाई जाती हैं, उनके दामों में काफी इजाफा हुआ है। उदाहरण के तौर पर, इस साल सूखे नारियल की कीमत फुटकर में 25 रुपये हो गई है, जो पहले 15 रुपये में उपलब्ध था।
- वजन कम, कीमत वही: कई वस्त्रों और धूप सामग्री के पैकेट में वजन घटाकर कीमतें यथावत रखी गई हैं। 120 ग्राम की गिली धूप का पैकेट जो पहले 70 रुपये का था, अब 100 ग्राम कर दिया गया है, लेकिन कीमत वही है। इसी तरह, कपूर, अगरबत्ती और सिंदूर के पैकेट छोटे कर दिए गए हैं, पर कीमतें स्थिर रखी गई हैं।
- फलाहार: व्रत के दौरान खाए जाने वाले फलों और अन्य व्रत सामग्री के दाम भी बढ़ गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को पूजा के साथ-साथ व्रत के लिए भी अधिक खर्च करना पड़ रहा है।
लोगों की प्रतिक्रिया:
आम लोगों में इस बढ़ती महंगाई को लेकर काफी रोष है। खासतौर पर निम्न आय वर्ग के लोग इस महंगाई से ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि उनके लिए त्योहारों पर खर्च बढ़ गया है। पूजा की आवश्यक सामग्री के दाम बढ़ने से त्योहारों का आनंद कम हो रहा है और लोग भगवान की भक्ति में भी आर्थिक दबाव महसूस कर रहे हैं। यह स्थिति दिखाती है कि इस बार नवरात्र केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक चुनौतियों के साथ मनाए जा रहे हैं।
source internet