सही मात्रा में खाद के इस्तेमाल से होगा अच्छा उत्पादन
DAP UREA Use – भारत देश में एक फसल ऐसी है जिसकी व्यापक रूप से खेती की जाती है और वो है धान की खेती। भारत में लगभग 70% किसान इसकी खेती करते हैं। जिस तरह से धान की खेती की पूरी प्रक्रिया होती है उसमे खाद का छिड़काव भी काफी महत्वपूर्ण भाग है। खाद के छिड़काव में जिस बात का ध्यान रखना चाहिए वो है खाद की सही मात्रा और छिड़काव का सही समय। अगर आप सही मात्रा और सही समय का ध्यान रखेंगे तो आपको धान की अच्छी पैदावार मिलेगी।
धान की खेती में खाद का महत्व | DAP UREA Use
धान एक पोषक आहार फसल है और इसे उचित मात्रा में पोषकों से सम्पन्न करना महत्वपूर्ण है। धान को उचित मात्रा में खाद देने से इसकी पैदावार में सुधार होता है और फसल की गुणवत्ता भी बढ़ती है। खाद के छिड़काव से धान की रूपांतरण गति भी तेज होती है जिससे आप अधिक फसल प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, धान में उचित खाद देने से फसल को कीटनाशकों और बीमारियों से भी बचाया जा सकता है।
खाद छिड़काव का सही समय धान रोपाई के एक सप्ताह बाद ही खाद छिड़काव करना शुरू कर देना चाहिए। धान के कल्ले निकलने के बाद, खेत में पानी को निकालकर खाद छिड़काव करना उचित होता है। इस समय, धान की पौधों में पोषकों की अधिक आवश्यकता होती है जो इसकी उचित विकास और पैदावार के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
प्रति एकड़ के हिसाब से खाद की मात्रा | DAP UREA Use
डीएपी 50 किलोग्राम
यूरिया 120 – 125 किलोग्राम
जिंक 10 – 15 किलोग्राम
धानजाइम 10 किलोग्राम
पोटाश 30 किलोग्राम