Cyclone Montha बंगाल की खाड़ी में बन रहे एक निम्न दबाव क्षेत्र से उत्पन्न हो रहा है, जो अगले कुछ घंटों में गहरे दबाव में बदलकर एक चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह तूफान 27 अक्टूबर तक पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा। “मोंथा” नाम थाईलैंड द्वारा दिया गया है, जिसका अर्थ है “सुगंधित फूल”। यह तूफान 65 से 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ ला सकता है।
किन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट?
IMD ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और केरल के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
तमिलनाडु के चेन्नई, तिरुवल्लूर और रणिपेट जिलों में 12 से 20 सेंटीमीटर तक की भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों और ओडिशा के कुछ जिलों में भी तेज बारिश और तेज हवाओं का असर देखने को मिलेगा।
मौसम विशेषज्ञ प्रदीप जॉन का बड़ा बयान
प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रदीप जॉन ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि अगर निम्न दबाव क्षेत्र उत्तर दिशा की ओर बढ़ा, तो चेन्नई में भारी बारिश की संभावना कम हो जाएगी।
यदि यह तूफान तमिलनाडु तट से होकर आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ा, तो चेन्नई में सिर्फ मध्यम बारिश होगी, जबकि केरल, कन्याकुमारी और नीलगिरी जैसे इलाकों में भी केवल हल्की बारिश दर्ज की जाएगी।
केंद्र सरकार और NDRF की तैयारी
केंद्रीय कैबिनेट सचिव डॉ. टी.वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) की बैठक हुई, जिसमें स्थिति की समीक्षा की गई। सभी मंत्रालयों और विभागों ने बताया कि SOP (Standard Operating Procedures) लागू कर दिए गए हैं और सभी एहतियाती कदम उठा लिए गए हैं ताकि नुकसान को कम से कम किया जा सके।
NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें 26 अक्टूबर तक तैनात की जाएँगी और अतिरिक्त टीमें भी स्टैंडबाय पर रखी गई हैं।
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मछुआरों को जारी की गई सख्त चेतावनी
IMD ने मछुआरों को 26 से 29 अक्टूबर तक समुद्र में न जाने की सलाह दी है। बंगाल की खाड़ी, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, यानम (पुडुचेरी) और ओडिशा तट पर तेज हवाओं और ऊँची लहरों की संभावना जताई गई है। जो मछुआरे पहले से समुद्र में हैं, उन्हें तुरंत किनारे लौटने को कहा गया है।





