Created a ruckus: 9 वीं के विद्यार्थियों को दिए 10 वीं के प्रश्र

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त्रैमासिक परीक्षा बनी मजाक


created a ruckus: दामजीपुरा/यूनुस खान। बच्चों की नींव कितनी मजबूत बन रही है इसका खुलासा त्रैमासिक परीक्षा के परिणामों से हो जाता है। लेकिन देखने में आया है कि कक्षा 9 वीं के बच्चों की त्रैमासिक परीक्षा में उन्हें कक्षा 10 वीं के प्रश्र दे दिए गए हैं। ऐसी लापरवाही में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि बच्चों की नींव कितनी मजबूत बनेगी? फिलहाल यह मामला सामने आने पर बवाल मचा हुआ है। शिक्षा विभाग के अधिकारी अब इस मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करने की बात कर रहे हैं।


यह है पूरा मामला


आदिवासी बाहुल्य विकासखंड भीमपुर के अंतर्गत आने वाले शासकीय उमावि दामजीपुरा में बुधवार को 9 वीं कक्षा और 10 वीं कक्षा की त्रैमासिक परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा में हिन्दी का प्रश्र पत्र था। जब दोनों कक्षाओं के बच्चों को प्रश्र पत्र वितरित किए गए तो 9 वीं कक्षा के बच्चों से प्रश्र हल करते नहीं बने। इस बात की जानकारी उन्होंने अपने पालकों को दी। दोनों क्लास के पेपर में एक जैसे प्रश्र थे जिसके कारण 9 वीं के बच्चे प्रश्र पत्र हल नहीं कर पाए। असल में 10 वीं के सिलेबस के प्रश्र 9 वीं के बच्चों को दे दिए थे। मामले का खुलासा होते ही शिक्षा विभाग में हडक़म्प मच गया और बच्चों से पेपर भी वापस ले लिए गए। हालांकि दावा यह है कि 9 वीं के बच्चों के प्रश्र परीक्षा केंद्र पर सुधरवाए गए थे।


अभिभावकों ने की शिकायत


दामजीपुरा निवासी रामसिंह पाल ने इस मामले को लेकर कहा कि उनकी दो बेटियां हैं उनमें से एक कक्षा 9 वीं में और एक कक्षा 10 वीं में पढ़ती है। दोनों ही परीक्षा देने गई थीं। जब परीक्षा देकर घर वापस आई तो कक्षा 9 वीं वाली बच्ची ने बताया कि उसके प्रश्र पत्र में कक्षा 10 वीं के सवाल आए थे जिसके कारण वह हल नहीं कर पाई। रामसिंह पाल का आरोप है कि इस तरह की गड़बड़ी से बच्चों का भविष्य खराब हो जाएगा। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।


बीईओ बोले 5 प्रश्र थे एक समान


भीमपुर विकासखंड के बीईओ रमेश कौशिक से जब सांध्य दैनिक खबरवाणी ने चर्चा की तो उनका कहना था कि पांच प्रश्र 10 वीं के सिलेबस के 9 वीं के प्रश्र पत्र में आ गए थे। जब बच्चों ने इसकी शिकायत की तो वहीं पर इन प्रश्रों को बदलवा दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है और जांच की जा रही है कि गलती किस स्तर पर हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी विकासखंड के उत्कृष्ट स्कूल के प्राचार्य, नोडल अधिकारी होते हैं और शिक्षकों से प्रश्र पत्र तैयार करवाकर वो ही बुलवाते हैं। समय कम होने के कारण प्रश्र पत्रों का क्रास चेक नहीं हो पाया था। हालांकि इस पूरे मामले की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा कमेटी गठित की जा रही है। जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्यवाही की जाएगी।