भारत में भी दिखने लगा असर
Covid-19 – पिछले कुछ महीनों से कोरोना मामले वैश्विक स्तर पर स्थिर थे, हालांकि अब इसमें फिर से उछाल देखा जा रहा है। हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने पिछले कुछ दिनों में अपशिष्ट जल में कोरोना के एक नए वेरिएंट का पता लगाया है, जिसे “FLiRT (फिलर्ट)” कहा जाता है। इस नए वेरिएंट के मामले कई देशों, जैसे कि संयुक्त राज्य अमेरिका और सिंगापुर, में तेजी से बढ़ रहे हैं। सिंगापुर स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस तेजी से बढ़ते संक्रमण के कारण लोगों से फिर से मास्क पहनने की अपील की है।
वैश्विक स्तर पर स्थिति | Covid-19
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सीडीसी के अनुसार, 14 से 27 अप्रैल तक, अमेरिका में KP.2 सब-वेरिएंट के लगभग 25% मामलों का कारण बन रहा है। वैश्विक स्तर पर, कोरोना के JN.1 और उसके सब-वेरिएंट्स की वृद्धि देखी जा रही है, जिसमें KP.1 और KP.2 शामिल हैं। वर्तमान में सिंगापुर में तीन-चौथाई मामलों के लिए KP.1 और KP.2 का जिम्मेदार माना जा रहा है। अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि यह कोरोना वेरिएंट ओमिक्रॉन के जैसा है, जो लोगों को तेजी से संक्रमित कर सकता है। इसके अलावा, यह वेरिएंट वैक्सीन से बनी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी चुनौती दे रहा है।
सीडीसी के डेटा के अनुसार, FLiRT वेरिएंट के दो स्ट्रेन (KP.1.1 और KP.2) वर्तमान में तेजी से बढ़ रहे हैं। दो सप्ताह के अंतराल में इस वेरिएंट के कारण संक्रमण के मामलों में काफी तेजी से वृद्धि देखी जा रही है।
चिंताजनक विशेषताएं
अमेरिका में स्थित येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक रिपोर्ट में बताती है कि FLiRT में कुछ चिंताजनक विशेषताएं पाई गई हैं। इसके स्पाइक प्रोटीन में परिवर्तन हैं जो इसे आसानी से मानव शरीर में प्रवेश करने और संक्रमण को बढ़ाने के योग्य बना सकते हैं।
भारत में भी दिखा असर | Covid-19
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में भी कोरोना के नए वेरिएंट FLiRT के मामले दर्ज किए गए हैं। अब तक भारत में 250 मामले सामने आए हैं। अधिकांश मामलों के लिए KP.2 और KP1.1 को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट KP.2 के 91 मामलों की पहचान की गई है, जो राज्य में कोरोना के मामलों में वृद्धि को दर्शाता है। 15 मई तक के आंकड़ों के अनुसार, पुणे में सबसे अधिक 51 लोगों को इस नए वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है, ठाणे 20 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। अमरावती और छत्रपति संभाजीनगर जिलों में सात-सात मामले दर्ज किए गए हैं।