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Court Judgement – मरे को जिंदा बताने वाले मामले में हुआ फैसला

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Court Judgementबैतूल चोपना थाना में डॉक्टर विश्वनाथ झरबड़े (तत्कालिन बीएमओ घोड़ाडोंगरी) के विरूद्ध धारा 419, 420, 197 का मामला दर्ज कर आरोप के साथ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया था कि उसने जिस आदमी की मृत्यु 23 दिसम्बर 2006 को हो गई थी उसे 10 फरवरी 2011 को जीवित बताकर फिटनेस सर्टिफिकेट दिया था।

अभियोजन ने डॉ. प्रदीप मोजेस (तत्कालिन सीएमएचओ), डॉ. आरके धुर्वे (विभागीय जांच अधिकारी), सुंदरलाल भावसार (प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी सारनी) एवं विनोद जगताप के कथन करवाए थे। माननीय प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी बैतूल ने पुलिस के लगाए आरोप को सिद्ध ना मानते हुए आरोपी डॉक्टर झरबड़े को पूरी तरह दोषमुक्त किया है। आरोपी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत गर्ग, युवा अधिवक्ता सजल गर्ग, राघवेंद्र रघुवंशी एवं सूरतराम धुर्वे ने की।

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