Court Judgement – बैतूल – दहेज प्रताड़ना और जबरन गर्भपात के मामले में प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी बैतूल ने फैसला सुनाया है। बताया जा रहा है कि कोतवाली थाना क्षेत्र में आरोपी भूपेंद्र टिकारे, रामनाथ एवं कल्याणी के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 498 ए एवं दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3 एवं 4 के तहत 2016 में प्रकरण दर्ज किया गया था।
न्यायालय में पेश किया चालान
इस मामले में पुलिस ने चालान न्यायालय में पेश किया। पुलिस की तरफ आरोप यह था कि आरोपी भूपेंद्र ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर अपनी पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया था एवं उसका जबरन गर्भपात करवा दिया था।
असत्य पाए समस्त आरोप
अभियोजन ने फरियादिनी, उसके पिता, मोनू पंवार, डॉ. रविकांत उइके, रायपुर के साईंबाबा नर्सिंग होम की संचालित डॉ. स्वाति महोबिया एवं विवेचक निकिता विल्सन के कथन करवाए थे। दांडिक प्रकरण क्रं. 2234/16 के तहत चले उक्त प्रकरण में प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी बैतूल ने आरोपियों पर लगाए समस्त आरोप असत्य पाए तथा यह पाया कि फरियादिनी ने केवल परेशान करने के लिए आरोपियों के विरूद्ध झूठी शिकायत की थी।

आरोपियों की ओर से पैरवी युवा अधिवक्ता सजल गर्ग एवं राघवेंद्र रघुवंशी ने की। न्यायालय ने सभी आरोपियों को पूरी तरह दोषमुक्त कर दिया है।
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