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Counter attack: कांग्रेस को समझ आया, झूठे वादे आसान नहीं: प्रधानमंत्री 

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Counter attack: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के हालिया बयान पर पलटवार किया है, जिसमें खड़गे ने कहा था कि राजनीतिक दलों को ऐसे वादे करने चाहिए जो पूरे किए जा सकें। मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कांग्रेस अब यह समझ रही है कि झूठे वादे करना तो आसान है, लेकिन उन्हें सही ढंग से लागू करना कठिन है।

प्रधानमंत्री के प्रमुख बिंदु:

कांग्रेस शासित राज्यों की स्थिति: मोदी ने कहा कि कांग्रेस लगातार लोगों से ऐसे वादे कर रही है जिन्हें वे पूरा नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, और तेलंगाना के उदाहरण देते हुए बताया कि इन राज्यों में विकास की गति और वित्तीय स्थिति खराब होती जा रही है।

अधूरे वादे और धोखा: उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की तथाकथित गारंटियां अधूरी हैं, जो लोगों के साथ एक बड़ा धोखा है। गरीब, युवा, किसान और महिलाएं इन वादों का लाभ नहीं उठा पा रही हैं और मौजूदा योजनाएं भी कमजोर हो रही हैं।

कर्नाटक में आंतरिक राजनीति: मोदी ने यह भी कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी विकास पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय पार्टी की आंतरिक राजनीति में उलझी हुई है और मौजूदा योजनाओं को वापस लेने की तैयारी कर रही है।

खड़गे का जवाब:

खड़गे ने मोदी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उनके शब्दों में झूठ, छल, कपट और लूट जैसे तत्व शामिल हैं। उन्होंने भाजपा के नामों का एक मजेदार अर्थ बताया, जिसमें ‘B’ का मतलब विश्वासघात और ‘J’ का मतलब जुमला है।

खड़गे के छह सवाल:

खड़गे ने प्रधानमंत्री से छह सवाल पूछे:साल में 2 करोड़ नौकरियों के वादे का क्या हुआ?महंगाई लगातार क्यों बढ़ रही है?अच्छे दिन का क्या हुआ?विकास भारत का क्या हुआ?’ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’ का क्या हुआ?’मैं देश नहीं झुकने दूंगा’ का क्या हुआ?

फ्रीबीज मुद्दा:

सुप्रीम कोर्ट में राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त योजनाओं के वादों पर सुनवाई हुई है। याचिका में मांग की गई है कि इन वादों को रिश्वत घोषित किया जाए और चुनाव आयोग को ऐसी योजनाओं पर रोक लगाने का निर्देश दिया जाए। याचिकाकर्ता का कहना है कि राजनीतिक दल यह नहीं बताते कि वे इन योजनाओं को कैसे पूरा करेंगे, जिससे सरकारी खजाने पर बोझ पड़ता है और यह वोटर्स और संविधान के साथ धोखाधड़ी है।यह राजनीतिक बहस आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकती है, खासकर जब कांग्रेस और भाजपा दोनों अपनी-अपनी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

source internet साभार…

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