Cough Syrup Scandal: मध्य प्रदेश में जहरीली खांसी की सिरप पीने से बच्चों की मौत के बाद अब केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। सरकार देशभर में दवाओं की गुणवत्ता और निगरानी प्रणाली को मजबूत करने के लिए नया कानून लाने की तैयारी में है। यह कानून पुराने “Drugs and Cosmetics Act 1940” की जगह लेगा, जो अब तक बिना बड़े बदलाव के चल रहा था।
मध्य प्रदेश से उठी लापरवाही की गूंज
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीली खांसी की सिरप पीने से कई बच्चों की मौत ने पूरे देश को हिला दिया। जांच में पाया गया कि इस सिरप में डाइथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) नाम का खतरनाक केमिकल मिला हुआ था। यही जहर बच्चों की मौत की वजह बना। इसके बाद डॉक्टर और दवा कंपनी के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि संबंधित दवा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
84 साल पुराना कानून अब बदलेगा
सरकार अब पुराने 1940 के ड्रग्स कानून में बड़े बदलाव कर रही है। नई व्यवस्था के तहत “Drugs, Medical Devices and Cosmetics Act” लाया जाएगा। यह नया कानून दवा निर्माण, टेस्टिंग, बिक्री और मॉनिटरिंग को और सख्त बनाएगा ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
दवाओं की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी
नए कानून के तहत हर दवा की क्वालिटी टेस्टिंग अनिवार्य होगी। खासकर सिरप और इंजेक्शन जैसी दवाओं पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। हर बैच की जांच होगी, और अगर किसी में भी जहरीला या संदिग्ध तत्व पाया गया, तो उस कंपनी का लाइसेंस तुरंत रद्द कर दिया जाएगा।
CDSCO को मिलेगी बड़ी ताकत
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) को अब और अधिक शक्तियां दी जाएंगी। किसी भी फर्जी, मिलावटी या घटिया दवा बेचने वाले पर सीधी कार्रवाई होगी। दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा और कड़ी सजा व भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
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लाइसेंस प्रक्रिया अब होगी पूरी तरह डिजिटल
पहले लाइसेंस प्रक्रिया में फाइलों की देरी और भ्रष्टाचार की शिकायतें आती थीं। लेकिन अब नया सिस्टम पूरी तरह डिजिटल होगा। दवा कंपनियों से लेकर अधिकारियों तक हर स्तर पर पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सारे काम ऑनलाइन मोड में किए जाएंगे।





