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Corona : प्रदेश मे चौथी लहर का खतरा, XE को लेकर अलर्ट!

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मध्यप्रदेश में कोरोना की चौथी लहर का खतरा तेजी से बढ़ सकता है। डर इसलिए भी है कि स्कूल खुलने और एग्जाम के दौरान 50 दिन में ही प्रदेशभर में 95 बच्चे संक्रमित मिल चुके हैं। सभी की उम्र 10 साल से कम है यानी सभी नॉन वैक्सीनेटेड हैं।

चौथी लहर की आहट इसलिए भी है कि मार्च में हुई होल जीनोम सीक्वेंसिंग में हर 10वें सैंपल में ओमिक्रॉन या फिर इसके सब वैरिएंट मिले हैं। एक्सपर्ट की मानें तो 12 या इस साल से कम उम्र के बच्चे नॉन वैक्सीनेटेड हैं, ऐसे में संक्रमण से इस एजग्रुप को सेफ रखने के लिए कोविड प्रोटोकॉल फॉलो करना जरूरी है।

कोरोना के वायरस में म्यूटेशन (यानी स्वरूप में बदलाव) को परखने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर जिले से संक्रमितों के सैंपल रैंडम सिलेक्ट कर जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज रहा है। मार्च में प्रदेश भर से 352 सैंपल होल जीनोम सिक्वेंसिंग (WGS) के लिए भेजे गए थे। 36 सैंपल में म्यूटेशन यानी ओमिक्रॉन मिला है। चिंताजनक बात यह है कि ओमिक्रॉन के जिस सब वैरिएंट BA.2 को थर्ड वेव के दौरान सुपर स्प्रेडर माना गया। इन 36 में से 11 सैंपल में BA.2 मिला है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मार्च में 73 सैंपल रिजेक्ट हुए हैं।

बच्चों में क्यों बढ़े कोरोना के मामले?

1 मार्च से 19 अप्रैल के बीच में प्रदेश में 2 हजार नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। 10 साल से कम उम्र के 95 बच्चे पॉजिटिव आए हैं। ये सभी स्कूल गोइंग चिल्ड्रन हैं। एक-दूसरे के संपर्क में आने पर बच्चों में कोरोना फैला है। अभी 12 से कम उम्र के लिए वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है। इंदौर में 12, रायसेन में 10, डिंडोरी में 7,​ ​​​​​​मंडला में 6, देवास, नरसिंहपुर, उमरिया में 5, होशंगाबाद, जबलपुर में 4-4, बालाघाट, विदिशा में 3-3, आगर, बैतूल, छतरपुर, भोपाल, झाबुआ, कटनी, पन्ना, राजगढ़, सिवनी, शिवपुरी में 2-2, अनूपपुर, बडवानी, अशोकनगर, हरदा, खंडवा, खरगोन, मंदसौर, मुरैना, रीवा, सीहोर, उज्जैन में 1-1 बच्चा पॉजिटिव मिला है। 20 बच्चे ऐसे हैं, जिनकी तबीयत खराब होने पर स्कूल मैनेजमेंट ने जांच कराई थी।

MP में XE को लेकर अलर्ट, जानिए कितना घातक

दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात में नए वैरिएंट XE के मरीज मिलने के बाद MP में अलर्ट जारी हुआ है। XE वैरिएंट का पहला केस 19 जनवरी को ब्रिटेन में मिला था। तब से इसके दुनिया भर में 650 से ज्यादा केस मिल चुके हैं। WHO ने कहा है कि XE को फिलहाल नए वैरिएंट के बजाय ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट कैटेगरी में रखा गया है। XE वैरिएंट ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.1 और BA.2 के कॉम्बिनेशन से बना है, यानी ये ‘रिकॉम्बिनेंट’ या हाइब्रिड वैरिएंट है

(साभार)

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