नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा की गई टिप्पणी पर राजनीतिक और सामाजिक बहस छिड़ गई है, जिसमें उन्होंने भगवान हनुमान को पहले अंतरिक्ष यात्री बताया है। उन्होंने यह बयान ऊना जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय के कार्यक्रम के दौरान दिया था।
ठाकुर छात्रों से पूछते हैं कि अंतरिक्ष में जाने वाला पहला व्यक्ति कौन था। जब छात्रों ने नील आर्मस्ट्रांग का नाम लिया, तब ठाकुर ने उन्हें सही करने के बजाय कहा, मुझे लगता है हनुमान जी थे। यह टिप्पणी उन्होंने रामायण के एक प्रसंग का जिक्र करते हुए की, जिसमें हनुमान जी ने सूर्य को निगलने का प्रयास किया था और आकाश में उड़कर लंका तक गए थे। इसके साथ ही, उन्होंने छात्रों से भारत की प्राचीन संस्कृति और ज्ञान को भी महत्व देने की अपील की। अब अनुराग ठाकुर के बयान पर सोशल मीडिया और राजनीतिक जगत में तीखी प्रतिक्रियाएं आईं।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सांसद कनिमोई ने बयान की आलोचना कर चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि विज्ञान कोई पौराणिक कथा नहीं है और कक्षा में छात्रों को गुमराह करना ज्ञान और वैज्ञानिक सोच का अपमान है, जो भारत के संविधान में भी निहित है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया यूजर्स ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रियाएं दीं। कई लोगों ने कहा कि यह छात्रों को गलत जानकारी देने जैसा है। एक यूजर ने कहा कि ठाकुर को बच्चों को सही जवाब (यूरी गागरिन) बताना चाहिए था, न कि आस्था और विज्ञान को मिलाना चाहिए था। एक अन्य टिप्पणी में कहा गया कि भारत का भविष्य जिज्ञासा को बढ़ावा देने में है, न कि तथ्यों को मिथकों के साथ मिलाने में। वैज्ञानिक तथ्य के अनुसार, सोवियत अंतरिक्ष यात्री यूरी गागरिन 12 अप्रैल 1961 को अंतरिक्ष में जाने वाले पहले इंसान थे। उन्होंने वोस्तोक-1 यान में पृथ्वी की परिक्रमा की थी। नील आर्मस्ट्रांग पहले व्यक्ति थे जिन्होंने चंद्रमा पर कदम रखा।
भगवान हनुमान पहले अंतरिक्ष यात्री अनुराग के बयान पर विवाद…..कनिमोई ने चिंताजनक बताया

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