Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

ठेकेदार की लापरवाही: आदेश के विपरीत भवन ढहाने का काम अधूरा छोड़ा, बच्चों की जिंदगी खतरे में…

By
On:

ठेकेदार की लापरवाही: आदेश के विपरीत भवन ढहाने का काम अधूरा छोड़ा, बच्चों की जिंदगी खतरे में…

कंडम स्कूल भवन के मलबे में गिरा मासूम, हाथ टूटा

सांध्य दैनिक खबरवाणी, घोड़ाडोंगरी

नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत गुरु गोविंद सिंह वार्ड क्रमांक-02 स्थित कन्या प्राथमिक शाला भवन को जर्जर घोषित कर गिराने का आदेश कलेक्टर बैतूल द्वारा 26 दिसंबर 2024 को जारी किया गया था। आदेश में स्पष्ट कहा गया था कि भवन को पूरी तरह सुरक्षित तरीके से ध्वस्त कर स्थल को समतल किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि या दुर्घटना की संभावना न रहे। लेकिन ठेकेदार सादिक मंसूरी (बैतूल) ने प्रशासनिक आदेशों की खुलेआम अवहेलना करते हुए भवन को आधा-अधूरा तोडक़र मलबा वहीं छोड़ दिया। न तो समतलीकरण कराया गया और न ही सफाई की गई। परिणामस्वरूप यह स्थल बच्चों के लिए हादसों का गढ़ बन गया है।
इसी लापरवाही का खामियाजा नगर के मासूम बच्चों को भुगतना पड़ा। बीते दिनों सीएम राइज स्कूल में कक्षा पहली में पढऩे वाला आर्यन साहू मलबे पर खेलते समय गिर पड़ा और उसका हाथ टूट गया। वहीं अन्य बच्चे भी यही खेलने आते है।
बालक के पिता कुलदीप साहू ने आरोप लगाया कि – ठेकेदार द्वारा यह कार्य को अधूरा छोडक़र चले जाने के कारण मेरा बच्चा यहां गिरा है जिसके कारण उसका हाथ टूट गया है समय सीमा में यहां सफाई हो जाती तो यह दुर्घटना नहीं होती, दुर्घटना को लेकर जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई होना चाहिए।
आपको बता दें की कलेक्टर का आदेश था कि कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग बैतूल एवं जिला शिक्षा अधिकारी की उपस्थिति में भवन को पूरी तरह गिराकर स्थल साफ किया जाए। परंतु जिम्मेदारी से बचने के लिए कार्यपालन यंत्री ने यह काम अधीनस्थ कर्मचारियों व ठेकेदार पर थोप दिया। नतीजा यह हुआ कि भवन अधूरा गिरा और मलबा जस का तस पड़ा है। इसी वजह से बच्चा घायल हुआ है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि आदेश के बावजूद ठेकेदार ने 7 दिनों के भीतर सफाई करने की शर्त का पालन नहीं किया। 7 जुलाई 2025 को जारी निर्देशों के अनुसार स्थल पूरी तरह साफ कर सुरक्षित करना था, लेकिन दो महीने गुजर जाने के बाद भी मलबा वहीं पड़ा है। यह सीधे तौर पर प्रशासनिक आदेश की अवहेलना और गंभीर लापरवाही है।

नागरिकों की मांग
ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
घायल बच्चों के इलाज व उचित मुआवज़े की तुरंत व्यवस्था की जाए।
स्कूल स्थल का तुरंत समतलीकरण कर सुरक्षित बनाया जाए।

प्रशासन पर भी उठे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब कलेक्टर ने साफ आदेश दिया था कि कार्यपालन यंत्री व जिला शिक्षा अधिकारी की मौजूदगी में भवन गिराया जाए, तो उनकी अनुपस्थिति में ठेकेदार को मनमानी करने की छूट क्यों दी गई? क्या बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ बर्दाश्त किया जाएगा?

For Feedback - feedback@example.com

Leave a Comment

Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News