Conspiracy of Madrassas Exposed : सरकारी रसद हड़पने मदरसों ने दिखाई हिन्दू बच्चों की संख्या

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बैतूल में भी बंद हुए 4 मदरसे

Conspiracy of Madrassas Exposedभिंड/मुरैना(ई-न्यूज) – सरकार से मिलने वाली राशि को हड़पने के लिए मदरसों के षडय़ंत्र का खुलासा हुआ है। मदरसों में मुस्लिम से अधिक हिन्दू बच्चों की संख्या दर्शायी गई है। मदरसों में पढऩे वाले 100 बच्चों पर 50 हजार रुपए की सरकारी मदद दी जा जाती है। बैतूल जिले में भी सात मदरसे संचालित थे उसमें से चार मदरसे बंद हो गए हैं।

लंबे समय से चल रहा फर्जीवाड़ा

मध्यप्रदेश में बच्चों की समग्र आईडी से फर्जी दाखिला दिखाकर मदरसों में अनुदान का फर्जीवाड़ा चल रहा है। भिंड और मुरैना जिलों में मुस्लिम आबादी प्रदेश में सबसे कम है, लेकिन यहां सबसे ज्यादा मदरसे हैं। कागजों में इनमें तालीम लेने वालों में मुस्लिम बच्चों से अधिक हिंदू बच्चे हैं। जिन हिंदू बच्चों का दाखिला दिखाया गया है, वे हकीकत में निजी या सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। ये मदरसे कभी गए ही नहीं। इनकी समग्र आईडी जुटाकर मदरसा संचालकों ने अपने यहां फर्जी तरीके से दाखिला दिखाया है। माता-पिता को भी पता नहीं है कि उनके बच्चों का नाम मदरसों में दर्ज है।

दो जिलों में है 137 मरदसे | Conspiracy of Madrassas Exposed

इन दोनों जिलों में 137 मदरसे (मुरैना में 70, भिंड में 67) संचालित हैं, जिनमें 3,880 हिंदू बच्चे हैं। वहीं, प्रदेश में सर्वाधिक मुस्लिम आबादी वाले बुरहानपुर जिले में सिर्फ 23 मदरसे हैं। फर्जी दाखिलों का यह फर्जीवाड़ा अनुदान, बच्चों के लिए खाद्यान्न और मिड डे मील का पैसा हड़पने के लिए किया जा रहा है। क्योंकि 100 बच्चों वाले हर मदरसे में 50 से 60 हजार रु./माह का अनुदान मिलता है।

बैतूल में भी चल रहे थे 7 मदरसे

जिले में 7 मदरसे संचालित हो रहे थे। लेकिन शासन की मानीटरिंग के चलते वर्तमान में सात में से सिर्फ 3 ही मदरसे बचे हैं। इन तीनों मदरसों को राज्य शासन से अनुदान प्राप्त हो रहा है। एक बैतूल में, एक चिचोली में और एक आठनेर में संचालित है। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार चिचोली के मदरसे के संचालक ने आवेदन दिया है कि उनके मदरसे में बच्चें का एडमिशन नहीं हो रहा है इसलिए उसे बंद किया जाए। इसके अलावा बैतूल के मदरसे में भी दर्ज संख्या कम होती जा रही है। वर्तमान में आठनेर का ही मदरसा ठीक ढंग से संचालित हो रहा है। गौरतलब हो कि राज्य शासन द्वारा मदरसों में दर्ज 100 बच्चों की संख्या पर 50 से 60 हजार रुपए अनुदान देता है।

94 हजार से अधिक दर्ज दिखाए हिन्दू बच्चे | Conspiracy of Madrassas Exposed

राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का कहना है कि प्रदेश के मदरसों में 9400 से ज्यादा हिंदू बच्चे दर्ज हैं। इसमें अफसरों की मिलीभगत है। हालांकि, स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने इन आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि मदरसों में हिंदू बच्चों को उनके माता-पिता की जानकारी के बिना क्यों प्रवेश दिया गया, यह गंभीर बात है। जांच शुरू करवा दी है।

मदरसों में बच्चों का सामने आया फर्जी प्रवेश

भिंड के बीटीआई रोड इलाके में संचालित मदरसा हुसैनी फॉर ऑनली गल्र्स में 7वीं की छात्रा अलका जोशी का नाम दर्ज। पिता सुनील ने बताया कि अलका एक निजी स्कूल में कक्षा 9वीं में प? रही है। उन्होंने कभी मदरसे में उसका दाखिला नहीं कराया। इसी मदरसे में कक्षा 7 वीं में धर्मेंद्र शाक्य का भी नाम भी दर्ज है, जबकि वह दो साल से बीमार है। पढ़ाई बंद है। पिता नरेश ने बताया धर्मेंद्र दो साल पहले एक निजी स्कूल में पड़ा है। मदरसे में कभी नाम नहीं लिखाया। भिंड के 11 महावीर नगर में बीटीआई स्कूल के पीछे अलीमुद्दीन का मकान है। इसमें मदरसा दीन-ए-अकबर और हुसैनी प्रोग्राम फॉर ऑनली गर्ल्स संचालित हैं। मकान पर इलम-ए-इलाही और नूरुल उलूम का भी बोर्ड लगा है। भिंड के सुभाष नगर में संचालित मदरसा मस्जिद नवी में कक्षा 4 में छात्रा रौनक का नाम दर्ज है। पड़ताल में पता चला कि रौनक का परिवार कई वर्षों से भिंड के रौन जनपद के हबीरपुरा गांव में रहता है। रौनक एक सरकारी स्कूल में 8वीं की छात्रा है। पिता संदीप ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी का प्रवेश कभी मदरसे में नहीं कराया। भिंड के ही सुभाष नगर निवासी नैंसी प्रजापति का नाम भी इसी मदरसे में दर्ज है। पिता नीरज ने बताया कि बेटी एक निजी स्कूल में 7वीं की छात्रा है। साभार

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