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China-America Tariff War: चीन-अमेरिका ट्रेड वॉर में बढ़ा तनाव! ट्रंप का 100% टैक्स वार, भारत भी बना केंद्रबिंदु

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China-America Tariff War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के बाद से पूरी दुनिया में भूचाल सा आ गया है। ट्रंप प्रशासन ने कई कड़े आर्थिक फैसले लिए हैं, जिनमें सबसे बड़ा झटका है – टैरिफ वॉर (Tariff War)। इस ट्रेड वॉर ने अंतरराष्ट्रीय बाजार की नींव हिला दी है। यहां तक कि अमेरिका ने भारत जैसे दोस्ताना देश पर भी 50% टैरिफ लगा दिया है। वहीं, चीन और अमेरिका के बीच बढ़ती तनातनी अब चरम पर पहुंच गई है।

चीन का पलटवार – अमेरिका पर अतिरिक्त टैक्स और एक्सपोर्ट कंट्रोल

अमेरिकी दबाव का जवाब देते हुए चीन ने अमेरिकी जहाजों पर अतिरिक्त टैक्स लगा दिया है। साथ ही, बीजिंग ने रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) की सप्लाई को भी सीमित कर दिया है। इससे नाराज़ होकर ट्रंप ने चीन पर 100% तक के अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा कर दी, जिससे कुल शुल्क अब 130% तक पहुंच गया है। वहीं, इसी बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक और चाल चली है, जिसने ट्रंप प्रशासन की परेशानी और बढ़ा दी है।

भारत को सख्त शर्तें – ‘मैग्नेट्स अमेरिका नहीं जाने चाहिए’

चीन ने भारत को रेयर अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात पर सख्त शर्तें लगाई हैं। बीजिंग का कहना है कि भारत को भेजे गए ये मैग्नेट्स केवल घरेलू जरूरतों के लिए इस्तेमाल किए जाएं और किसी भी रूप में अमेरिका तक न पहुंचें।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने भारत से एक्सपोर्ट कंट्रोल एश्योरेंस मांगा है, जो Wassenaar Arrangement जैसे अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप हो। दिलचस्प बात यह है कि भारत इस 42 देशों के समूह का सदस्य है, जबकि चीन नहीं। भारत ने अब तक चीन की इस शर्त को औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं किया है।

चीन की चाल से अमेरिका को होगा बड़ा नुकसान

दुनिया की 90% हेवी रेयर अर्थ प्रोडक्शन चीन के पास है। ऐसे में, चीन की यह नीति अमेरिका के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। अगर भारत चीन की शर्त मान भी लेता है, तो अमेरिका को रेयर अर्थ मैग्नेट्स की सप्लाई में भारी कमी झेलनी पड़ेगी। यह कदम ट्रंप प्रशासन की आर्थिक नीतियों पर बड़ा असर डाल सकता है।

भारत के EV सेक्टर पर असर

भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर रेयर अर्थ मैग्नेट्स का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। ये मैग्नेट्स EV मोटर, रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर में अहम भूमिका निभाते हैं। हालांकि SCO समिट (31 अगस्त–1 सितंबर) के बाद चीन ने लाइट रेयर अर्थ मैग्नेट्स की सप्लाई फिर से शुरू कर दी, लेकिन हेवी रेयर अर्थ मैग्नेट्स की कमी अब भी बनी हुई है। इससे भारत में तीन-व्हीलर, कार, ट्रक और बस जैसे बड़े EV वाहनों के प्रोडक्शन पर असर पड़ रहा है।

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एक्सपोर्ट सिक्योरिटी की नई शर्तें

4 अप्रैल 2025 को चीन ने मीडियम और हेवी रेयर अर्थ प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट पर राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए प्रतिबंध लगाया था। इसके तहत अब हर निर्यातक को Ministry of Commerce से लाइसेंस लेना होगा और End-User Certificate (EUC) जमा करना होगा। इस दस्तावेज़ में यह प्रमाण देना जरूरी है कि ये मैग्नेट्स किसी भी प्रकार के मास डिस्ट्रक्शन वेपन्स में इस्तेमाल नहीं होंगे।

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