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छत्तीसगढ़ रेरा की बड़ी पहल : रेरा के नए वित्तीय सुरक्षा मॉडल से रियल एस्टेट खरीददारों के हितों की होगी सुरक्षा

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रायपुर :  छत्तीसगढ़ में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने और प्रोजेक्ट में भूमि – मकान आदि सम्पत्तियां खरीदने वाले लोगों के हितों को संरक्षित करने के उद्देश्य से रेरा ने रियल एस्टेट में वित्तीय अनुशासन और पादर्शिता लाने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। राजधानी रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस में एक बैंक एम्पैनलमेंट इवेंट में रेरा ने 17 बैंकों को सूचीबद्ध किया और रियल एस्टेट प्रमोटरों के साथ अपने नए वित्तीय सुरक्षा मॉडल को साझा किया।

     कार्यक्रम में रेरा के अध्यक्ष संजय शुक्ला ने बताया कि इस नए वित्तीय माडल का मुख्य उद्देश्य आबंटियों के निवेश को सुरक्षित रखना और धनराशि के दुरुपयोग को रोकना है। बैंकों के सिस्टम को रेरा नामित खातों के अनुरूप बनाया गया है ताकि लेनदेन में पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन बना रहे। साथ ही निधियों की निकासी, आवंटन और निगरानी सॉफ़्टवेयर-आधारित प्रणाली के माध्यम से होगी, जिससे मानव हस्तक्षेप न्यूनतम होगा और गलतियों की संभावना कम होगी।

     रेरा के अध्यक्ष शुक्ला ने बताया कि इस नए वित्तीय माडल के अंतर्गत अब किसी भी रियल एस्टेट परियोजना में आबंटियों से प्राप्त कुल राशि का 70 प्रतिशत भाग एक रेरा नामित बैंक खाते में जमा करना अनिवार्य होगा। रियल एस्टेट सेक्टर में वित्तीय अनियमितताओं को रोकने और खरीदारों के हितों की रक्षा करने के लिए रेरा ने बैंकों को इस प्रक्रिया में शामिल किया है। सरकार द्वारा इस प्रणाली को अपनाने से रियल एस्टेट क्षेत्र को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। तय नियमों के तहत वित्तीय प्रबंधन आसान होगा, जिससे परियोजनाओं को सुचारू रूप से पूरा किया जा सकेगा। रियल एस्टेट क्षेत्र में वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, जिससे सभी हितधारकों को लाभ मिलेगा।

    रेरा के अध्यक्ष शुक्ला ने कहा कि इस नई व्यवस्था के तहत आबंटियों से प्राप्त धनराशि स्वचालित रूप से 70 प्रतिशत रेरा खाते में और 30 प्रतिशत अन्य आवश्यकताओं के लिए सुरक्षित होगी। यह राशि केवल परियोजना के वास्तविक विकास कार्य और उसके अनुपात में ही खर्च की जा सकेगी। बैंकों के सिस्टम को रेरा नामित खातों के अनुरूप बनाया गया है ताकि लेनदेन में पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन बना रहे। साथ ही निधियों की निकासी, आवंटन और निगरानी सॉफ़्टवेयर-आधारित प्रणाली के माध्यम से होगी, जिससे मानव हस्तक्षेप न्यूनतम होगा और गलतियों की संभावना कम होगी। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ रेरा के सदस्य धंनजय देवांगन, रजिस्ट्रार सुआस्था राजपूत, क्रेडाई छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष पंकज लाहोरी एवं विभिन्न बैंकों के जोनल हेड शामिल हुए।

हर प्रोजेक्ट के लिए मिलेगा रियल-टाइम अपडेट

रेरा के इस पहल से बैंकों, प्रमोटरों और रियल एस्टेट के खरीदारों को लाभ होगा। इसके तहत सूचीबद्ध बैंकों को अब भौतिक दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे संचालन सुगम होगा। हर प्रोजेक्ट के लिए रियल-टाइम अपडेट मिलेगा, जिससे वित्तीय पारदर्शिता बढ़ेगी। बैंकिंग प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है, जिससे निधियों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित होगी। रियल एस्टेट प्रमोटरों और डेवलपर्स को अब बार-बार दस्तावेज जमा नहीं करने पड़ेंगे क्योंकि अब सभी दस्तावेज़ डिजिटल रूप से उपलब्ध होंगे जिससे प्रशासनिक प्रक्रिया सरल होगी।

   इसी तरह रियल एस्टेट खरीदारों को भी लाभ होगा। खरीदारों की जमा की गई धनराशि सुरक्षित रहेगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका पैसा सही ढंग से उपयोग हो। साथ ही परियोजनाओं को तय समय पर पूरा करने के लिए प्रमोटरों पर दबाव बनेगा, जिससे खरीदारों को घर मिलने में देरी नहीं होगी। वित्तीय अनुशासन मजबूत होने से रियल एस्टेट क्षेत्र में भरोसा बढ़ेगा।

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