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वकील की भूमिका निभा चैटजीपीटी ने दिलाया 2.1 लाख रुपए का रिफंड

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न्यूयॉर्क। अमेरिका के कोलंबिया राज्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित चैटजीपीटी ने एक व्यक्ति के लिए वकील की भूमिका निभाते हुए महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की और उसे 2,500 डॉलर (करीब 2.1 लाख रुपए) का रिफंड दिलवाया।
मेडेलिन नामक व्यक्ति ने बिना कैंसिलेशन इंश्योरेंस के ट्रैवल वेबसाइट एक्सपीडिया से होटल और फ्लाइट बुक की थी। लेकिन जनरलाइज्ड एंग्जायटी डिसऑर्डर (जीएडी) नामक मानसिक स्वास्थ्य समस्या के चलते उसे यात्रा रद्द करनी पड़ी। डॉक्टर का प्रमाण पत्र होने के बावजूद होटल और एयरलाइन ने रिफंड से इनकार कर दिया।
ऐसे में मेडेलिन ने चैटजीपीटी की मदद ली। एआई ने एक्सपीडिया की नीतियों का विश्लेषण कर एक कानूनी भाषा में पत्र तैयार किया, जिसमें चिकित्सा कारणों को अपवाद मानते हुए रिफंड की मांग की गई। चैटजीपीटी द्वारा तैयार किए गए इस पत्र के प्रभाव से होटल ने अपना निर्णय बदला और पूरे रिफंड पर सहमति दे दी। 

एयरलाइन भी झुकी चैटजीपीटी के तर्कों के आगे
हालांकि एयरलाइन शुरुआत में अड़ी रही। उसकी नीति के अनुसार केवल गंभीर बीमारी या मृत्यु की स्थिति में रिफंड का प्रावधान था, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए नहीं। इस पर चैटजीपीटी ने एक दूसरा तर्कपूर्ण पत्र तैयार किया, जिसमें कहा गया कि मानसिक बीमारी को रिफंड न देने का आधार बनाना भेदभावपूर्ण है। पत्र में बताया गया कि ऐसी स्थिति में हवाई यात्रा करना यात्री की सेहत के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है।
इन तर्कों के आगे एयरलाइन भी झुक गई और केवल एक घंटे में रिफंड देने की सहमति दे दी। मेडेलिन ने बताया कि अगर चैटजीपीटी की मदद न ली होती, तो उसे किसी पैरा-लीगल की सेवाएं लेनी पड़तीं, जिसका खर्च कहीं अधिक होता।

चैटजीपीटी ने पेश की जिम्मेदार एआई की मिसाल
इस मामले में चैटजीपीटी ने बिना किसी झूठ या बहाने के, तथ्य और शोध आधारित तर्क देकर सहायता की। इसने यह सिद्ध कर दिया कि एआई तकनीक जिम्मेदार ढंग से प्रयोग की जाए, तो आम नागरिकों के लिए कानूनी और प्रशासनिक बाधाएं पार करना आसान हो सकता है।

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