CBM:बैतूल और छिंदवाड़ा में 5000 करोड़ का निवेश प्रस्ताव

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मीथेन गैस उत्पादन की योजना

बैतूल: मध्यप्रदेश के बैतूल और छिंदवाड़ा जिले में जल्द ही बड़े पैमाने पर मीथेन गैस का उत्पादन शुरू होने जा रहा है। हाल ही में 17-18 अक्टूबर को भोपाल में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव में इस परियोजना के लिए 5000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। साथ ही, नोएडा की मेसर्स इन्विनायर पेटोडाइन को पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन के लिए आवश्यक लाइसेंस भी जारी किया गया है।

परियोजना का दायरा

इस परियोजना के तहत, 1771 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में मीथेन गैस के उत्खनन की योजना है। बैतूल जिले की शाहपुर और घोड़ाडोंगरी तहसील में लगभग 37.313 हेक्टेयर क्षेत्र का चयन किया गया है। यहां पर मीथेन निकालने के लिए कंपनी द्वारा प्लांट लगाया जाएगा ।इसके बाद बिजली उत्पादन में उपयोग किया जाएगा ।जो स्थानीय विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

रोजगार और आर्थिक विकास

इस परियोजना के संचालन से बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। मीथेन गैस के उत्खनन से शासन के राजस्व में अप्रत्याशित वृद्धि की संभावना है। वर्तमान में बैतूल जिले से गौण खनिज के जरिए शासन को लगभग 100 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो रहा है, जो इस परियोजना के बाद बढ़कर लगभग 500 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

चयनित क्षेत्रों में निकलेगी मीथेन गैस

जिले के खनिज विभाग ने मीथेन गैस के भंडार की जानकारी के बाद एक कार्ययोजना तैयार की है। चयनित क्षेत्र में गुवाड़ी, सातलदेही, बटकीडोह सहित अन्य पॉइंट्स पर ड्रिलिंग की जाएगी, जिससे गैस को बाहर निकालकर सावधानी से स्टोर किया जाएगा।

बिजली उत्पादन और औद्योगिक उपयोग

मीथेन गैस का उपयोग बिजली उत्पादन के साथ-साथ विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में भी किया जाएगा। यह गैस पॉवर हाउस में बड़े टर्बाइनों के संचालन, रासायनिक रिएक्टरों और अनुसंधान केंद्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अलावा, वाहन टायर बनाने वाली कंपनियों के लिए भी यह गैस आवश्यक है।

मील का पत्थर साबित होगा

इस परियोजना का शुभारंभ बैतूल और छिंदवाड़ा के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी के नेतृत्व में जिले ने यह उपलब्धि हासिल की है, जो भविष्य में स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगी। उप संचालक खनिज मनीष पालेवार ने बताया कि इस परियोजना के शुरू होने के बाद खनिज विभाग के माध्यम से जो राजस्व अभी शासन को मिल रहा है उसने पांच गुना वृध्दि की संभावना है।
संभावित लाभों पर प्रकाश डाला है, जो जिले के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

फोटो इंटरनेट