Catering: खानपान की बिगड़ती आदतें लिवर की बीमारियों को दे रही बढ़ावा 

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Catering: भोजन के बाद तुरंत बिस्तर पर जाने की आदत से बचना जरूरी है, क्योंकि यह सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। यह आदत लिवर संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती है। इस संबंध में कई कारक जिम्मेदार हैं।

कारण

  • मसालेदार और बाहर का खाना: तनाव, नींद की कमी, समय पर भोजन न करना, और बाहर के तेल-मसालेदार खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन लिवर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
  • पाचन संबंधी समस्याएं: पेट में गैस, कब्ज, और फैटी लिवर की समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं।

सेहत पर प्रभाव

  • पेट और लिवर की बीमारियाँ कार्यक्षमता को प्रभावित करती हैं। इसलिए भोजन के बाद कम से कम 40-45 मिनट तक सोना नहीं चाहिए।
  • नियमित व्यायाम और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जैसे सलाद, मौसमी सब्जियाँ, और हरी पत्तेदार सब्जियाँ।

खानपान की सावधानियाँ

  • अत्यधिक सेवन से बचें: छोला, मैदा, बेसन, तेल, मिर्च और मसाले का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
  • छोटे भोजन: एक बार में भरपेट खाने के बजाय, दिन में चार से पांच बार थोड़ा-थोड़ा खाएं, जिससे पाचन बेहतर होगा और गैस, कब्ज, और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी।

बीमारियों के प्रति जागरूकता

  • पेट और लिवर संबंधी बीमारियाँ अब आम होती जा रही हैं, जिनमें सिरोसिस, अग्नाशय, और पित्ताशय की थैली से जुड़ी समस्याएँ शामिल हैं।
  • लक्षणों में पेट में दर्द, जलन, पीलिया, और अचानक वजन कम या बढ़ना शामिल हो सकते हैं।

सावधानियाँ

  • पाचन तंत्र की समस्याओं को अक्सर सामान्य माना जाता है, लेकिन समय पर उपचार न कराने पर ये गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं, जैसे पेट का कैंसर या बवासीर।
  • जीवनशैली में सुधार करके और खानपान में सावधानी बरतकर, इन समस्याओं से बचा जा सकता है।

जागरूकता और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर पेट और लिवर की बीमारियों से बचा जा सकता है। गलत खानपान और जीवनशैली से उत्पन्न समस्याएं गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं, इसलिए उचित कदम उठाना आवश्यक है।

 source internet साभार…