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BSF को मिलेगा ड्रोन स्क्वाड्रन, पाक सीमा पर चौकसी होगी और मजबूत

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सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहली बार ड्रोन स्क्वाड्रन तैनात करने का फैसला लिया है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ अपनी सीमा चौकियों को और मजबूत कर रही है ताकि दुश्मन के घातक ड्रोन हमलों को नाकाम किया जा सके.

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, यह ड्रोन स्क्वाड्रन चुनिंदा सीमा चौकियों पर तैनात होगा और इसमें निगरानी, टोही और हमले में सक्षम विभिन्न प्रकार के ड्रोन शामिल होंगे. इन ड्रोन को संचालित करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों की टीम भी बनाई जा रही है.

चंडीगढ़ से किया जाएगा कंट्रोल
इस स्क्वाड्रन को बीएसएफ की पश्चिमी कमान के चंडीगढ़ मुख्यालय से कंट्रोल किया जाएगा. बीएसएफ के पास भारत-पाकिस्तान सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, जो जम्मू से लेकर पंजाब, राजस्थान और गुजरात तक करीब 2,000 किमी से ज्यादा लंबी है.

ऑपरेशन सिंदूर बना सबक
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. इस ऑपरेशन में बीएसएफ ने भारतीय सेना के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

इस दौरान पाकिस्तान ने बहुत बड़ी संख्या में ड्रोन, जिनमें स्वार्म ड्रोन भी शामिल थे, भारतीय सैन्य ठिकानों और सीमावर्ती इलाकों में भेजे थे. इसके जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ ने 118 से ज्यादा पाकिस्तानी चौकियां तबाह कर दीं और उनकी निगरानी प्रणाली को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया.

छोटे और बड़े दोनों तरह के ड्रोन होंगे शामिल
कड़ी सुरक्षा के साथ ड्रोन स्क्वाड्रन की तैनाती सूत्रों के अनुसार, स्क्वाड्रन में छोटे और बड़े ड्रोन शामिल होंगे जो जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन या युद्ध जैसी स्थिति में तुरंत लॉन्च किए जाएंगे. हर चौकी पर करीब 2-3 प्रशिक्षित जवानों की टीम तैनात की जाएगी. स्क्वाड्रन के लिए नए ड्रोन और उपकरण खरीदे जा रहे हैं और जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

चौकियों और बंकरों को किया जा रहा है मजबूत
बीएसएफ ने अपनी सीमा चौकियों और बंकरों को और मजबूत करना भी शुरू कर दिया है. चौकियों की छत और दीवारों को मजबूत शीट्स से ढंका जा रहा है ताकि ड्रोन हमलों से नुकसान कम किया जा सके. इसके अलावा कुछ चुनिंदा चौकियों पर काउंटर-ड्रोन तकनीक लगाने की तैयारी भी चल रही है ताकि सीमा पार से आने वाले हथियारबंद ड्रोन को बीच में ही नष्ट किया जा सके. बीएसएफ का यह कदम सीमा पर भविष्य के किसी भी खतरे से निपटने की उसकी तैयारी को और मजबूत करता है.

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