डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (DAC) होगा अनिवार्य, 1 नवंबर से होगा लागू
Black marketing: एलपीजी की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर ली है, जिसमें गैस सिलेंडर की डिलीवरी के लिए डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (DAC) अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था ग्राहकों की सुरक्षा और गैस वितरण में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से बनाई गई है, और इसे 1 नवंबर से लागू किया जाएगा। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने इसे लेकर एक एडवाइजरी भी जारी की है।
नई व्यवस्था कैसे काम करेगी?
- डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (DAC):
- गैस सिलेंडर की डिलीवरी के लिए ग्राहक के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (DAC) भेजा जाएगा।
- डिलीवरी मैन को यह कोड दिखाना होगा, तभी सिलेंडर की डिलीवरी पूरी होगी।
- बिना कोड के डिलीवरी नहीं की जाएगी, जिससे कालाबाजारी और धोखाधड़ी पर रोक लगेगी।
- मोबाइल नंबर और पता अपडेट करना अनिवार्य:
- जिन ग्राहकों का मोबाइल नंबर या पता गैस एजेंसी में गलत है, उन्हें इसे तुरंत अपडेट कराना होगा।
- यदि जानकारी अपडेट नहीं की गई, तो सिलेंडर की डिलीवरी में समस्या आ सकती है।
- यह प्रक्रिया केवल घरेलू गैस सिलेंडरों पर लागू होगी, कमर्शियल सिलेंडरों के लिए नहीं।
- फ्रॉड से बचने के उपाय:
- गैस कंपनियों ने ग्राहकों को चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति ओटीपी या डिलीवरी कोड मांगता है, तो उसे न दें।
- अगर कोई समस्या हो, तो सीधे गैस एजेंसी या जिला आपूर्ति कार्यालय से संपर्क करें।
लाभ
- कालाबाजारी पर रोक: DAC सिस्टम से अवैध रूप से सिलेंडर की बिक्री और कालाबाजारी पर रोक लगेगी।
- सुरक्षा और पारदर्शिता: उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षा बढ़ेगी, और डिलीवरी में पारदर्शिता आएगी।
- गड़बड़ी से बचाव: गलत या बार-बार सिम बदलने वाले ग्राहकों को इस प्रक्रिया में कठिनाई हो सकती है, इसलिए जानकारी का सही होना आवश्यक है।
यह नई प्रणाली एलपीजी सिलेंडर की डिलीवरी को अधिक सुरक्षित और सुगम बनाएगी, और इससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिलने की उम्मीद है।
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