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भाजपा नेता मुन्ना मानकर ने भोले किसान से किया करोड़ों की जमीन और रुपयों का हेरफेर

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भाजपा नेता मुन्ना मानकर ने भोले किसान से किया करोड़ों की जमीन और रुपयों का हेरफेर

अनपढ़ और भोले किसानों को निशाना बना रहे भूमाफिया और दलालों का गठजोड़

खबरवाणी न्यूज, बैतूल

भू-माफिया जमीन पर किस तरह कब्जा करते हैं उसकी एक ताजा मिसाल बैतूल में देखने को मिल रही है। भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय नेता मुन्ना मानकर द्वारा जो कि पेशे से कॉलोनाईजर भी हैं उन्होंने खुद के द्वारा विकसित की गई कॉलोनी से लगी हुई 10 एकड़ जमीन को भोले भाले किसान सावन्या और गोपाल भोले इनके चक्रव्यूह में पिछले एक वर्ष से अधिक समय से फंसे हुए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सावन्या भोले जिनकी उम्र लगभग 85 वर्ष है और पढ़े-लिखे भी नहीं हैं, उम्रदराज होने के कारण आंखों की दृष्टि भी नहीं के बराबर है। इनके पास कुल भूमि लगभग 10 एकड़ थी, जिसमें से दो एकड़ जमीन का सौदा लगभग ढाई करोड़ रुपए में हुआ था। जिसकी लगभग संपूर्ण राशि किसान को मिल चुकी है, हालांकि इसमें भी दो दलालों राजू और शुभम ने लगभग एक करोड़ रुपए की राशि डकार ली और किसान पिछले 8 महीनों से इतनी बड़ी राशि के लिए चक्कर लगा रहा है पर दोनों दलाल रफूचक्कर हैं।
बात इतनी होती तो भी गनीमत थी, जानकारी के अनुसार सावन्या भोले जिनके दो बेटे हैं उन्होंने अपनी जमीन दो हिस्सों में बांटकर इन दोनों बेटों के नाम कर दी थी, पर पारिवारिक विवाद के चलते इन्होंने तहसील कार्यालय में जमीन अपने नाम वापस करने के लिए वाद दायर किया था जो कि लंबित था। जब दो एकड़ जमीन का सौदा हुआ तब कॉलोनाईजर मानकर को शेष जमीन के बारे में पता चला तब उन्होंने बुजुर्ग सावन्या भोले से कहा कि मैं आपकी जमीन वापस दिलवा दूंगा। जिसमें न्यायालय और अन्य प्रक्रिया में जो खर्च आएगा वह आपको वहन करना पड़ेगा और जो कि लगभग 20 लाख रुपए के आस-पास होगा जिस पर गरीब किसान ने अपनी असहमति जताई और कहा कि ठीक है जमीन मेरे दो बेटों के नाम रहने देते हैं पर जमीन के लालच के चलते मुन्ना मानकर ने सावन्या जी पर दबाव बनाया और कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कराए। बुजुर्ग होने के साथ ही बमुश्किल हस्ताक्षर कर पाने वाले सावन्या जी को यह नहीं मालूम था कि वह किन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। हालांकि बची लगभग 8 एकड़ जमीन के लालच में कॉलोनाईजर मानकर और उनके दो अन्य पार्टनरों ने अपनी पहुंच के चलते अपने बेटों के नाम हस्तांतरित जमीन की रजिस्ट्री भी सीधे सावन्या जी से करा ली।
बात यहीं नहीं रुकी जिस दो एकड़ 22 डिस्मिल की रजिस्ट्री हुई उसमें सावन्या जी ने 0.5 डिस्मिल जमीन पूर्व में ही एक अन्य व्यक्ति को बेच दी थी और उसका नामांतरण भी हो चुका था, जिसकी जानकारी उन्होंने कॉलोनाईजर मुन्ना मानकर को दे दी थी पर पहुंच और पैसे के बल पर दो एकड़ के अलावा 22 डिस्मिल की भी रजिस्ट्री करा ली। जिसमें 0.5 डिस्मिल जमीन भी शामिल है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सावन्या भोले जी की चार बेटियां भी हैं और यह संपत्ति पैतृक हे। सावन्या भोले सिर्फ दो एकड़ जमीन बेचना चाह रहे थे, चूंकि बाकी जमीन पर परिवार के अन्य लोगों का भी अधिकार बनता है परंतु नामांतरण और न्यायालयीन प्रक्रिया के नाम पर बची हुई 8 एकड़ जमीन भी दो हिस्सो में क्रमश: 3.56 एकड़ और 4.44 एकड़ का भी पंजीयन कराकर नामांतरण करा लिया गया। निश्चिित तौर पर इस पूरी प्रक्रिया में कॉलोनाईजर मानकर के साथ तहसील कार्यालय और पंजीयन कार्यालय की भी मिलीभगत दिखाई दे रही है। विशेषकर जब 0.05 डिस्मिल जमीन की बिक्री और नामांतरण हो चुका उसके बावजूद भी अपने प्रभाव से उस छोटे हिस्से को भी अपने नाम करवा लिया जो कि पूरी जमीन के बीच में पड़ रहा था।

फोरलेन के निकट कॉलोनी और रिसॉर्ट की बढ़ेगी कीमतें

इस जमीन को लेकर कॉलोनाईजर मुन्ना मानकर इसलिए भी लालायित हैं क्योंकि इस जमीन से लगी हुई उनकी कॉलोनी और उसके बगल में निर्माणाधीन रिसॉर्ट है। इस जमीन के मिल जाने से मुख्य मार्ग पर बनाई गई कॉलोनी और रिसॉर्ट का मूल्य भी बढ़ेगा और जिस मूल्य पर विकसित कॉलोनी को बेचा गया है उससे अधिक मूल्य पर इस जमीन को बेचकर करोड़ों का मुनाफा हासिल किया जाएगा। ज्ञात हो कि 2023 तक मुन्ना मानकर कांग्रेस के सक्रिय नेता हुआ करते थे, पर इन्हें लगा कि शायद कांग्रेस का भविष्य बहुत अच्छा नहीं है, तो इन्होंने 19 जुलाई 2023 को लगभग 200 कार्यकर्ताओं के साथ 40 गाडिय़ों के काफिले को लेकर भाजपा के प्रदेश कार्यालय में सदस्यता ग्रहण की। इससे पता चलता है कि इनका रसूख कितना है।
एक साल से अधिक समय से दर-दर भटक रहा है भोले
बडोरा निवासी सावन्या भोले जिनकी उम्र लगभग 85 वर्ष है और खराब स्वास्थ्य के चलते चलने-फिरने में सक्षम है और न ही ठीक से देख पाते हैं उनकी इस परिस्थिति के कारण उनकी देखभाले करने वाले उनके पुत्र गोपाल भोले पिछले एक वर्ष में कलेक्टर कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय, कोतवाली बैतूल, खेड़ीसांवलीगढ़ चौकी, उप पंजीयक कार्यालय बैतूल समेत प्रदेश स्तर पर अनेक कार्यालयों में शिकायतें दर्ज करवा चुके हैं। हालांकि कुछ शिकायतों पर कार्रवाई शुरू भी हुई पर अंजाम तक नहीं पहुंची और आज भी पीडि़त किसान अपनी जमीन वापस पाने के लिए भटक रहा है। ज्ञात हो कि भाजपा के एक जनप्रतिनिधि द्वारा कॉलोनाईजर मुन्ना मानकर को पूरा मामला जानने के बाद समझाइश के साथ ही आदेश भी दिया गया था कि दो एकड़ के अलावा बची हुई जमीन किसान को वापस कर दें, जिस पर मुन्ना मानकर ने हामी भरी थी पर जैसे-जैसे समय बीतता गया लगातार जमीन की बढ़ती कीमतों ने मुन्ना मानकर के लालच को भी उसी गति से बढ़ाया और मानकर ने जमीन को वापस नहीं करने का मन बना लिया। सूत्र बताते हैं कि पीडि़त गोपाल भोले का एक मात्र 12 वर्षीय पुत्र है, जिसे लेकर भी धमकी दी गई जिससे पीडि़त किसान भयभीत होकर कार्रवाई करने से पीछे हट रहा है। ज्ञात हो कि मुन्ना मानकर कुनबी समाज से आते हैं जिसकी बैतूल जिले में गहरी राजनीतिक पैठ और संख्याबल भी है। जिसका फायदा उठाकर बहुत कम समय में उन्होंने वित्तीय सफलता के पायदान तेजी से चढ़े हैं। हालांकि पीडि़त किसान भी इसी वर्ग से आता है पर मानकर क्षत्रिय लोणारी कुनबी समाज सेवा संगठन बैतूल के जिला अध्यक्ष भी हैं जिससे उनकी समाज पर सामाजिक पकड़ भी साफ दिखाई देती है और पीडि़त गरीब किसान ने कई बार सामाजिक स्तर पर भी अपनी समस्या को रखने का प्रयास किया जिसे मानकर की ताकत ने दबा दिया।

उठ रहे हैं सवाल

> गोपाल भोले के द्वारा दिए गए आवेदनों पर अब तक कोई पुख्ता कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
> उप पंजीयक कार्यालय द्वारा बेची गई नामांतरित जमीन को दोबारा कैसे अन्य नाम पर पंजीकृत कर नामांतरित कर दिया गया?
> उप पंजीयक काया्रलय द्वारा लगभग 85 वर्ष के विक्रेता जिन्हें दृष्टिदोष है उन्हें बिना डॉक्टर सर्टिफिकेट के कैसे दस्तावेजों का पंजीयन किया गया?
> पीडि़त किसान द्वारा राजू और शुभम नामक दलालों की भी नामजद शिकायत की गई, फिर कार्रवाई क्यों नहीं?

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