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Bihar Election 2025: बिहार में मुस्लिम डिप्टी सीएम को लेकर मचा सियासी घमासान – वारिस पठान बोले, “मुसलमानों को उनका हक मिलना चाहिए”

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Bihar Election 2025 के मद्देनज़र बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। इस बार विवाद का केंद्र बना है मुस्लिम डिप्टी सीएम (Deputy Chief Minister) की नियुक्ति का मुद्दा। महागठबंधन की ओर से पहले ही यह ऐलान किया गया था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो मुस्लिम समाज के एक नेता को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। अब इस बयान के बाद राज्य में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।

वारिस पठान का बड़ा बयान

गरीब नवाज फाउंडेशन के अध्यक्ष वारिस पठान ने इस पूरे मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “मुसलमानों को उनका हक मिलना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में मुस्लिम समाज हमेशा एक मजबूत वोटबैंक रहा है, इसलिए अब उन्हें प्रतिनिधित्व और सत्ता में उचित भागीदारी मिलनी चाहिए। पठान के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में नई हलचल मच गई है।

तेजस्वी यादव, पप्पू यादव और कृष्ण लालवानी का समर्थन

इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव, पप्पू यादव और कृष्ण लालवानी जैसे नेताओं ने भी मुस्लिम डिप्टी सीएम के समर्थन में अपनी आवाज़ बुलंद की है। इन नेताओं का कहना है कि बिहार जैसे विविधतापूर्ण राज्य में समान प्रतिनिधित्व और धार्मिक संतुलन बनाना बेहद ज़रूरी है।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बयान से महागठबंधन का रुख और स्पष्ट हो गया है कि वह अल्पसंख्यक वर्ग को साधने में जुटा है।

विरोधी दलों ने किया पलटवार

वहीं, विपक्षी दलों ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। अरविंद कुमार बाजपेयी ने राम विलास पासवान के 2005 के बयान का ज़िक्र करते हुए कहा कि “पासवान जी ने भी एक समय बिहार में मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाए जाने की वकालत की थी।”उनका कहना है कि राजनीतिक दल केवल चुनाव से पहले मुस्लिम कार्ड खेलकर राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते।

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वारिस पठान ने दी चेतावनी

वारिस पठान ने अपने बयान में आगे कहा कि अगर मुस्लिम समाज के साथ राजनीतिक अन्याय जारी रहा, तो आने वाले समय में इसके गंभीर राजनीतिक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। उन्होंने सभी दलों से अपील की कि वे केवल वोट के लिए नहीं, बल्कि समान अधिकार और सम्मान के लिए मुस्लिम समुदाय को वास्तविक भागीदारी दें।

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