बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस बार महागठबंधन (Grand Alliance) के नेता खुद अपनी पार्टी के सहयोगियों के खिलाफ 12 सीटों पर आमने-सामने हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन 12 में से सिर्फ तीन सीटें ही 2020 में महागठबंधन के खाते में गई थीं। इनमें राजपाकर और कारगहर (कांग्रेस) तथा गौड़ाबौराम (वीआईपी) शामिल हैं। बाकी सीटें एनडीए (NDA) के कब्जे में थीं।
एनडीए को मिल सकता है ‘फ्रेंडली फाइट’ का फायदा
इस बार महागठबंधन की अंदरूनी टक्कर से एनडीए को बड़ा फायदा होता दिख रहा है।
- कहलgaon में यादव-मुस्लिम वोटों के बंटवारे से NDA मजबूत है।
- गौड़ाबौराम में RJD और VIP की लड़ाई BJP के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
- बिहारशरीफ में कांग्रेस और CPI के बीच सीधी भिड़ंत से NDA को 50-55% तक बढ़त।
राजपूत और ब्राह्मण वोट बैंक NDA के साथ मजबूती से खड़ा दिख रहा है।
राजपाकर, वैशाली और नरकटियागंज में NDA का पलड़ा भारी
राजपाकर में JDU मजबूत स्थिति में है। कांग्रेस और CPI की टक्कर ने विपक्ष को कमजोर कर दिया है।
वैशाली सीट पर RJD और कांग्रेस दोनों आमने-सामने हैं, जिससे JDU को लाभ मिल सकता है।
वहीं नरकटियागंज में BJP की जीत की संभावना करीब 52% है। ठाकुर-मुस्लिम समीकरण यहां NDA के पक्ष में जाता दिख रहा है।
जंसुराज और कांग्रेस कुछ सीटों पर दे सकते हैं टक्कर
चैनपुर और कारगहर जैसी सीटों पर जंसुराज NDA के लिए चुनौती बन सकता है।
- चैनपुर में VIP और RJD के बीच टकराव से जंसुराज को बढ़त मिलती दिख रही है।
- कारगहर में कांग्रेस और CPI की लड़ाई ने कुशवाहा वोटों को बांट दिया है, जिससे जंसुराज के जीतने की संभावना प्रबल है।
बेलदौर में कांग्रेस की स्थिति बेहतर है, लेकिन NDA कड़ी टक्कर दे रहा है।
सिकंदरा, सुल्तानगंज और बछवाड़ा में NDA की बढ़त बरकरार
सिकंदरा में NDA को 55% तक बढ़त मिलती दिख रही है। RJD और कांग्रेस की आपसी जंग से वोट बैंक टूट गया है।
सुल्तानगंज में धार्मिक पर्यटन मुद्दे पर JDU मजबूत स्थिति में है, वहीं बछवाड़ा में कांग्रेस और CPI के बीच फंसे मुकाबले का फायदा BJP को मिल सकता है।





