Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

बरेली में वक्फ संपत्ति पर बड़ा संकट, 2000 से अधिक जमीनें हो सकती हैं कब्जे से बाहर!

By
On:

दोनों सदनों से वक्फ संशोधन विधेयक पास होने के बाद बरेली जिले में करीब दो हजार वक्फ संपत्तियों पर संकट मंडरा रहा है. प्रशासन इन संपत्तियों की पैमाइश कराकर अवैध कब्जे हटाने की तैयारी में है. जांच में पता चला है कि इनमें से कई संपत्तियां सरकारी हैं, लेकिन उन्हें वक्फ बोर्ड ने अपने रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया है. अब शासन इन संपत्तियों की जांच कर यह तय करेगा कि कौन सी जमीनें वक्फ के दायरे में आएंगी और कौन सी सरकारी संपत्ति घोषित की जाएंगी.

दरअसल, बरेली जिले में कुल 3,385 वक्फ संपत्तियां पंजीकृत हैं. इनमें से करीब 2,000 संपत्तियां सरकारी बताई जा रही हैं. जिनका कुल क्षेत्रफल 330.518 हेक्टेयर है. इन संपत्तियों का विवरण वर्ष 1986 के सरकारी गजट और रजिस्टर संख्या 37 में दर्ज है. इनमें से 700 संपत्तियां नगर निगम क्षेत्र में स्थित हैं. इनमें से कई पर अवैध निर्माण भी हो चुका है. खास बात यह है कि इस सूची में कई नामचीन धार्मिक स्थल भी शामिल हैं, जिनका स्वामित्व अब विवादों में आ गया है.

कैसे हुआ खुलासा?

शासन ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को जिले में वक्फ संपत्तियों की जांच करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद विभाग ने यह जानकारी राजस्व विभाग को सौंपी. राजस्व कर्मियों ने स्थलीय जांच कर रिपोर्ट तैयार की. हालांकि यह रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है. जांच में सामने आया कि कई सरकारी संपत्तियां वक्फ बोर्ड द्वारा अपने रिकॉर्ड में दर्ज कर ली गई थीं. अब प्रशासन इनकी विस्तृत जांचकर वैध और अवैध रूप से दर्ज संपत्तियों की पहचान करेगा.

किन तहसीलों में कितनी संपत्तियां सरकारी

शासन को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार, बरेली जिले की तहसीलों में सरकारी स्वामित्व वाली वक्फ संपत्तियों की संख्या अलग-अलग है. बहेड़ी तहसील में सबसे अधिक 554 संपत्तियां सरकारी पाई गईं. फरीदपुर तहसील में सबसे कम 146 संपत्तियां सरकारी हैं. सदर तहसील में कुल 80.827 हेक्टेयर भूमि सरकारी है. पूरे जिले में 1,385 संपत्तियां वक्फ की वास्तविक संपत्तियां हैं, जबकि 1,290 संपत्तियों का राजस्व रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. राजस्व विभाग भी इन संपत्तियों की पहचान करने में असमर्थ है.

जानें आगे क्या होगा?

सरकार अब इस मामले की विस्तृत जांच कराएगी. जिन सार्वजनिक उपयोग की जमीनों को गलत तरीके से वक्फ बोर्ड में दर्ज किया गया है, उन्हें वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होगी. इसके लिए जिलाधिकारी स्तर पर सुनवाई होगी. यदि किसी संपत्ति का स्वामित्व अवैध रूप से वक्फ बोर्ड को दिया गया है तो कानूनी प्रक्रिया के तहत उसे वक्फ के दायरे से बाहर किया जाएगा.

इस कार्रवाई से जिले में कई संपत्तियों को लेकर विवाद बढ़ सकता है, लेकिन प्रशासन का कहना है कि पूरी प्रक्रिया कानूनी दायरे में रहकर पूरी की जाएगी. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कितनी संपत्तियां वक्फ बोर्ड के पास बनी रहती हैं और कितनी सरकार के नियंत्रण में वापस आती हैं.

For Feedback - feedback@example.com
Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News