MP News: गार्ड ने सबसे पहले वाल्मी क्षेत्र में बाघ को देखा। वन विभाग द्वारा लगाए गए कैमरों में भी बाघ की हरकत को कैद किया गया है। बाघ के मूवमेंट की खबर मिलते ही इसकी सूचना वन विभाग को दी गई।
भोपाल जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान परिसर में बाघों की हलचल ने भोपाल निवासी टाइगर की चिंता बढ़ा दी है
बाघ। फाइल फोटो।
भोपाल : एक महीने के बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बाघों की हलचल ने वन विभाग की सतर्कता और आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है. भोपाल में मध्य प्रदेश जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान (MP Water and Land Management Institute) के परिसर में एक बाघ देखा गया है. इस बाघ को कैमरे में भी कैद किया गया है. हालांकि बाघ के मूवमेंट की खबर के बाद वन विभाग अलर्ट हो गया है। उन्होंने टाइगर मूवमेंट एरिया में निगरानी बढ़ा दी है।
जिसने सबसे पहले बाघ को देखा
जिसने सबसे पहले बाघ को देखा
गार्ड ने सबसे पहले बाघ को वाल्मी इलाके में देखा। वन विभाग द्वारा लगाए गए कैमरों में भी बाघ की हरकत को कैद किया गया है। बाघ के मूवमेंट की खबर मिलते ही इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। इधर रहवासियों ने नेहरू नगर से केरवा-कालियासोत जाने वाली सड़क पर भी बाघ की आवाजाही का दावा किया है।
वाल्मी और नेहरू नगर से केरवा-कालियासोत क्षेत्र में बाघों की आवाजाही ने यहां के निवासियों की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि बाघ अपने ही क्षेत्र में घूम रहा है। रहवासियों को घबराने की जरूरत नहीं है। वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा लगातार तलाशी भी ली जा रही है। वन विभाग का अमला पूरी तरह अलर्ट पर है।
टाइगर को अक्टूबर में मैनिट में देखा गया था
टाइगर को अक्टूबर में मैनिट में देखा गया था
वहीं, बाघ की हरकत के बाद एक बार फिर मनित के छात्र भी परेशान नजर आ रहे हैं। गत अक्टूबर माह में बाघ ने यहां 2 से 16 अक्टूबर तक डेरा डाला था। इस दौरान प्रबंधन व छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां वन विभाग की टीम ने काफी मशक्कत के बाद टाइगर टी-421 को रेस्क्यू कर लिया। उसे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व ले जाया गया। गौरतलब है कि इसके बाद मैनिट प्रबंधन सतर्क हुआ और मैनिट की चारदीवारी का निर्माण करवाया. इससे बाघ परिसर में नहीं पहुंच पाएगा, फिर भी मैनिट प्रबंधन भी अलर्ट पर है.
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