
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल में उपोष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई और मूल्यवर्धन परियोजना के तहत संतरे के उत्पादन के लिए राज्य में लगभग 1,800 हेक्टेयर भूमि में खेती करने का प्रस्ताव लाया है। शनिवार को जारी बयान में बताया गया कि राज्य के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने संतरे की खेती में माइक्रो-ग्राफ्टिंग तकनीक का अवलोकन करने के साथ साइट्रस पैथोलॉजी कार्यक्रम और राष्ट्रीय साइट्रस रिपॉजिटरी कार्यक्रम पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल परियोजना के हिस्से के रूप में ऑस्ट्रेलिया के छह दिवसीय दौरे पर है। यह परियोजना एशियाई विकास बैंक द्वारा वित्तपोषित किया गया है।

खट्टे फल राज्य के मैदानी इलाकों में उगाए जाते हैं जहां का तापमान लगभग 30 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। इसमें ऑस्ट्रेलिया से तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने और इस क्षेत्र में सुधार के मकसद से स्थानीय बागवानों का मार्गदर्शन करने के लिए इसका उपयोग किया जाएगा। इससे राज्य में उच्च गुणवत्ता वाले संतरे के पौधे तैयार करंगे|

प्रतिनिधिमंडल ने अपनी यात्रा के दौरान ऑस्ट्रेलिया में पादप स्वास्थ्य प्रबंधन के क्षेत्र में अपनाई जा रही स्क्रीनिंग, परीक्षण, सफाई और रखरखाव की आधुनिक तकनीकों का अवलोकन कर उनका अध्ययन किया। बयान के अनुसार, उन्होंने सिडनी में स्ट्रॉबेरी उद्योग प्रमाणन प्राधिकरण और एलिजाबेथ कृषि संस्थान की प्रयोगशालाओं का भी दौरा किया और नर्सरी पंजीकरण कार्यक्रमों के लिए आधुनिक तकनीकों पर चर्चा की।
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