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बैतूल: जिला शिक्षा अधिकारी पर ताईक्वांडो प्रतियोगिता के नाम पर वित्तीय गड़बड़ी के गंभीर आरोप बिना निविदा, बिना अनुमति करोड़ों की खरीदी, कलेक्टर से शिकायत

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बैतूल: जिले में आयोजित 67वीं राष्ट्रीय शालेय ताईक्वांडो प्रतियोगिता में भंडार क्रय नियमों का गंभीर उल्लंघन किए जाने की शिकायत कलेक्टर से की गई है। आवेदक सुनील पलेरिया ने जिला शिक्षा अधिकारी पर प्रतियोगिता के संचालन में अनियमितताएं बरतने, नियमों की अवहेलना कर वित्तीय गड़बड़ियां करने और पद का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए गए हैं।
1. शिकायत में बताया गया है कि प्रतियोगिता में भंडार क्रय नियम 10.1.3 के तहत निविदा प्रकिया की अनदेखी की गई। नियमानुसार 21 दिन की समयसीमा वाली निविदा या विशेष परिस्थिति में कम से कम 14 दिन की निविदा प्रकाशित की जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। न तो कलेक्टर से अनुमोदन लिया गया और न ही राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय समाचार पत्र में विज्ञापन प्रकाशित किया गया।
2. सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त नस्ती दिनांक 23 दिसंबर 2023 के अनुसार, बिना कलेक्टर के अनुमोदन के ही पोर्टल पर टेबल क्रमांक 01 और 02 की निविदाएं खोली गईं। इसके साथ ही तकनीकी योग्यता पूर्ण दिखाकर वित्तीय निविदा खोली गई और एल-01 को कार्य आदेश जारी कर दिया गया। टेबल क्रमांक 03 और 04 पर भी क्रय प्रक्रिया दोषपूर्ण पाई गई, जिसमें केवल एक वेडर होने पर भी आदेश जारी किया गया, जिससे शासन को राजस्व हानि हुई।
3. शिकायत में यह भी बताया गया कि प्रतियोगिता में उपयोग की गई बसों पर लगभग 10 लाख रुपये का व्यय दर्शाया गया जबकि प्रतियोगिता स्थल बैतूल नगरपालिका क्षेत्र में ही था। न तो बसों का अधिग्रहण किया गया और न ही लॉगबुक का संधारण हुआ। पीओएल का उपयोग किस बस में हुआ, इसका कोई पंजी भी संधारित नहीं किया गया।
4. प्रतियोगिता में उपयोग किए गए लाइट टावर के लिए 61200 रुपये का भुगतान किया गया जबकि भंडार क्रय नियम 08 के अनुसार यह सीमा 50 हजार रुपये है। इस पर भी नियम 09 का पालन नहीं किया गया। प्रतियोगिता से जुड़ी टेंट सामग्री की खरीदी वेदिका फर्नीचर कालापाठा नामक फर्म से की गई, जो इस कार्य के लिए अधिकृत नहीं थी। इसका कुल देयक लगभग 51 लाख का बनाया गया, जिसमें से लगभग 35 लाख का ही भुगतान किया गया। यह कटौती किस आधार पर की गई, इसका कोई उल्लेख नहीं है।
5. जिला शिक्षा अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने अपने स्तर पर कई कर्मचारियों के निलंबन, बहाली और पदस्थापना में मनमानी की। उदाहरण स्वरूप, सुभाष सिंह ठाकुर को देवगांव से निलंबित कर नजदीकी शाला में पदस्थ किया गया।
शिकायत में यह भी उल्लेख है कि क्रय नियम 2015 (संशोधित 2022) के तहत निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया गया। 50 हजार रुपये से कम राशि वाले देयक बिना कोटेशन के कई बार प्रस्तुत किए गए, जबकि यह अधिकतम पांच बार किया जा सकता था। इसी प्रकार 50 हजार से अधिक एवं 2 लाख 50 हजार से कम के क्रय बिना विभागीय समिति की स्वीकृति के किए गए।
खेल प्रतियोगिता में जो सामग्री एवं सेवाएं ली गईं, उनका भुगतान जेम पोर्टल से करने की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं की गई है और वेंडर्स को सीधे या कोच व बच्चों के माध्यम से भुगतान कर दिया गया। राज्य शासन द्वारा इस प्रतियोगिता के लिए 50 लाख रुपये का बजट मांगा गया था, जबकि जिला क्रीड़ा निधि से संरक्षित राशि का उपयोग अन्य गतिविधियों में किया गया जो कि नियम विरुद्ध है।
6. शिकायतकर्ता सुनील पलेरिया ने मांग की है कि जिला शिक्षा अधिकारी कुशवाह के कार्यकाल की विस्तृत जांच कर शासन को हुई वित्तीय हानि की भरपाई कराई जाए और उनके खिलाफ कठोर विभागीय व दंडात्मक कार्रवाई की जाए। प्रतिलिपियां आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल, आयुक्त नर्मदापुरम् संभाग, और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बैतूल को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई हैं।

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