Betul Post Office : ढूंढों तो जाने : कहां गया पोस्ट आफिस?

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सब तरफ से घेर रखा है अतिक्रमणकारियों ने

Betul Post Officeबैतूल – केंद्र सरकार के संचार मंत्रालय के अंतर्गत लोगों की सुविधा के लिए पोस्ट आफिस का निर्माण कर संचालन किया जाता है। बैतूल शहर में भी पुलिस ग्राऊंड के सामने मुख्य पोस्ट आफिस का कार्यालय है और उपनगर गंज तथा कोठीबाजार क्षेत्र में पोस्ट आफिस की व्यवस्था बनी हुई है। लेकिन गंज क्षेत्र में कांतिशिवा तिराहे के सामने बनी पोस्ट आफिस की बिल्डिंग और दरवाजा अब अदृश्य सा हो गया है और पोस्ट आफिस में जाने के लिए दरवाजा ढूंढना पड़ता है क्योंकि पोस्ट आफिस के तीनों ओर अतिक्रमण के चलते यह दिखाई देना बंद हो गया है। नए व्यक्ति को तो ढूंढते हुए पोस्ट आफिस का पता लगाना पड़ता है तब कहीं जाकर वह पहुंच पाता है।

सामने लग गए बोर्ड | Betul Post Office

तिराहे पर बने इस पोस्ट आफिस की बिल्डिंग के साथ बाऊंड्रीवाल भी बनी हुई है। डाक घर के सामने कांतिशिवा तिराहे तरफ बड़े-बड़े बोर्ड लग गए हैं जिस कारण सामने तरफ से भी डाकघर दिखाई देना बंद हो गया है। और उन बोर्डों के नीचे विभिन्न दुकानदारों द्वारा अपनी-अपनी गुमठियां रख ली है जिस कारण सामने की ओर से यह पोस्ट आफिस अदृश्य हो गया है।

स्टेशन रोड की थी यही है स्थिति

रेलवे स्टेशन तरफ से भी पोस्ट आफिस दिखना बंद हो गया है और यह स्थिति लंबे समय से निर्मित है। क्योंकि इस तरफ से भी दुकानदारों ने बाऊंड्रीवाल से सटाकर अपनी-अपनी गुमठियां लगा ली है। इसके चलते यह स्थिति निर्मित हुई है।

शनि मंदिर रोड पर भी लुप्त हो गया | Betul Post Office

कातिशिवा तिराहे से शनि मंदिर जाने वाले मार्ग पर भी यही स्थिति है। पोस्ट आफिस की बाऊंड्रीवाल से लगकर कई दुकानें लगी हुई हैं। चूंकि इस रोड पर डिवाइडर भी है। इसलिए इन दुकानों के सामने खड़े होने वाले ग्राहकों से यातायात भी प्रभावित हो रहा है। और पोस्ट आफिस में जाने वालों के लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है।

मेन गेट पर भी हो गया अतिक्रमण

पोस्ट आफिस में जाने के लिए बनाए गए गेट में से एक गेट पर भी अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है और वहां पानी की केन जमा कर व्यापार शुरू कर दिया है।

इसी तरह से कारगिल चौक पर पीडब्ल्यूडी के क्वार्टर पर भी अतिक्रमणकारियों का कब्जा था। अतिक्रमणकारियों ने धीरे-धीरे पहले क्वार्टर के आसपास कब्जा किया और कुछ समय बाद सामने के दरवाजे को भी अतिक्रमणकारियों ने ढंक दिया और यह मकान दिखना बंद हो गया। कुछ समय पहले अतिक्रमण हटाने गए दस्ते ने इस सरकारी मकान को भी अतिक्रमणकारियों से मुक्त करा दिया है जो कि अब दिखने लगा है।