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Betul Politics – बिना सेना के सेनापतियों ने लड़वाया चुनाव

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कार्यकारिणी विहीन है कांग्रेस में दोनों अध्यक्ष

Betul Politicsबैतूल ब्रिटिश हुकूमत में 28 दिसम्बर 1885 को भारत में सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी एओ हृयूम ने अन्य साथियों के साथ मिलकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की थी। जिसका बाद में कई बार विभाजन हुआ है। 1977-78 में आखरी विभाजन के बाद इसका नाम इंदिरा कांग्रेस पड़ा जिसे अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पुन: बोला जाने लगा। कांग्रेस पार्टी का अपना एक संविधान है। जिसके अनुसार संगठन के चुनाव संगठन की व्यूह रचना एवं नियुक्तियां होती है।

हर प्रदेश की इकाई और जिला, ब्लाक स्तर तक सभी इकाईयां भी इसी संविधान के अंतर्गत कार्य कर रही हैं। बैतूल जिला भी इसी श्रेणी में रहता है। लेकिन आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि बैतूल जिले में पहली बार दो कांग्रेस जिलाध्यक्षों की नियुक्ति हुई है और बताया जा रहा है कि कांग्रेस के अधिकृत संविधान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। इसके साथ ही इसे मोनोपली कहे या फिर विडम्बना कि दोनों अध्यक्ष आज तक सेना (कार्यकारिणी) विहीन है।

फरवरी-मार्च में हुआ था विभाजन | Betul Politics

मई 2018 से जिला कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सुनील गुड्डू शर्मा काम कर रहे थे। लेकिन 2023 की शुरूवात में हेमंत वागद्रे को जिला कांग्रेस का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया और मार्च 2023 में कांग्रेस के इतिहास में पहली बार बैतूल जिला संगठन को दो टुकड़ों में बांटकर सुनील शर्मा को जिला कांग्रेस अध्यक्ष शहर और हेमंत वागद्रे को जिला कांग्रेस अध्यक्ष ग्रामीण बनाया गया। सत्ता की बात करें तो कांग्रेस में पहले से ही जिले में दो गुट थे लेकिन संगठन में विभाजन के बाद संगठनात्मक स्तर पर भी पार्टी में दो फाड़ हो गई और कार्य क्षेत्र को लेकर विवाद सामने आने लगे।

दो अध्यक्षों का नहीं है संविधान में प्रावधान?

चर्चा है कि कांग्रेस के संविधान में जिले में दो अध्यक्षों की व्यवस्था नहीं है लेकिन स्थानीय स्तर पर प्रदेश संगठन गुटीय समीकरणों को देखते हुए नगर निगमों वाले शहरों में ऐसी व्यवस्था बनाते रहे हैं। जिस शहर में एक से अधिक विधानसभा सीट हो वहां शहरी जिलाध्यक्ष की नियुक्ति होती रही है क्योंकि वह भी बहुत बड़ा कार्यक्षेत्र होता है। लेकिन बैतूल शहर में ऐसा नहीं है। बैतूल नगर पालिका क्षेत्र में कुल 33 वार्ड हैं जहां पहले से ही एक शहर कांग्रेस अध्यक्ष मोनू बडोनिया और कार्यवाहक शहर कार्यवाहक अध्यक्ष प्रशांत राजपूत पदस्थ हैं। अब तीसरे अध्यक्ष के रूप में सुनील शर्मा को भी पद तो जिला कांग्रेस अध्यक्ष शहर दे दिया है लेकिन प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी सूचना के अनुसार इनका कार्य क्षेत्र बैतूल नगर तक सीमित कर दिया था।

कार्यकारिणी विहीन काम कर रहे दोनों अध्यक्ष | Betul Politics

मई 2018 में जिला कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त हुए सुनील शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस की सहमति से जिला कार्यकारिणी में नियुक्तियां करवाई थी लेकिन मार्च 2023 में कार्य विभाजन होने के कारण उसका अस्तित्व समाप्त हो गया क्योकि उसमें ग्रामीण क्षेत्रों के पदाधिकारी भी शामिल थे। इसके बाद ना तो सुनील शर्मा के लिए जिला कांग्रेस अध्यक्ष शहर के रूप में नई कार्यकारिणी बनाने का मौका मिला ना ही जिला कांग्रेस अध्यक्ष ग्रामीण के रूप में हेमंत वागद्रे पिछले 8 माह में अपनी कार्यकारिणी की स्वीकृति ले पाए। जानकारी यह भी मिली है कि हेमंत वागद्रे को कार्यकारिणी गठन के लिए प्रदेश स्तर से हरी झंडी मिल गई थी लेकिन गुटीय राजनीति के चलते कांग्रेस के प्रभारियों ने ऐसा पेंच फंसाया कि आज तक कार्यकारिणी मूर्तरूप नहीं ले पाई।

बिना सेना हो गए विधानसभा चुनाव

राजनैतिक हल्को में इसको लेकर आश्चर्य है कि 138 वर्ष पुरानी कांग्रेस में दो-दो जिलाध्यक्ष होते हुए भी बिना कार्यकारिणी (सेना) के जिलाध्यक्षों ने (सेनापतियों) 2023 के विधानसभा चुनाव संपन्न करवा दिए। जबकि यह चुनाव कांग्रेस के लिए अग्रि परीक्षा से कम नहीं था। क्योंकि कांग्रेस के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के लिए भी यह चुनाव राजनैतिक अस्तित्व के लिए चुनौती पूर्ण था। इसके बावजूद जिले में दोनों ही अध्यक्षों को बिना कार्यकारिणी के काम करना पड़ा और इससे इसका असर चुनाव परिणामों पर भी दिखाई देने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

कांग्रेस सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि जिला कांग्रेस ग्रामीण संगठन ने कुछ समय पहले कुछ पदाधिकारियों की घोषणा की थी लेकिन चुनाव लड़े एक उम्मीदवार ने यह कहकर सूची रूकवा दी थी कि चुनाव के समय ऐसी घोषणा होने से नुकसान होगा। क्योंकि जिन्हें पद नहीं मिलेंगे वे नाराज हो सकते हैं। इसके बाद पूरा मामला ठण्डे बस्ते में चला गया और अधिकृत रूप से पूरी सूची घोषित नहीं हो पाई। यही स्थिति जिला कांग्रेस अध्यक्ष शहर संगठन की भी रही। उनकी भी सूची को होल्ड पर रख दिया गया ऐसा सूत्रों का कहना है।

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