Betul News: कृषि मंडी में किसान-व्यापारी दोनों परेशान

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अव्यवस्था के चलते रूक जाती है नीलामी

Betul News: बैतूल। कृषि उपज मंडी बडोरा के प्रबंधन की लापरवाही के चलते इन दिनों कृषि उपज मंडी में किसान और व्यापारी दोनों परेशान नजर आ रहे हैं। किसान उपज नहीं बिकने से परेशान है तो अव्यवस्थाओं को लेकर व्यापारी नीलामी रोक देते हैं। आज भी अव्यवस्थाओं से नाराज व्यापारियों ने नीलामी रोक दी और अपना विरोध जताया जिसके बाद मंडी के अधिकारियों ने उनकी समस्याओं का निराकरण कर नीलामी शुरू करवाई। अव्यवस्था का मुख्य कारण ज्यादा आवक होना है। क्योंकि मंडी प्रांगण में अधिक जगह नहीं होने के कारण दिक्कतें सामने आ रही हैं।


मक्का की हो रही भारी आवक


मक्का बेचने के लिए किसान रात में ही कृषि उपज मंडी आ जाते हैं और मंडी में प्रवेश को लेकर उनके वाहन कतार में खड़ी किए जाते हैं जिससे स्थिति यह बनती है तक दूर-दूर तक किसानों के वाहनों नजर आते हैं। इस हफ्ते 4 नवम्बर को मक्का की आवक 19 हजार 8 बोरे थी। सोयाबीन 3125 बोरे, गेहूं 3246 बोरे की थी। 5 नवम्बर को मक्का, सोयाबीन और गेहूं सहित अन्य जींस की 18477 बोरे आवक थी। मंडी प्रांगण से अनाज नहीं उठने के कारण 6 नवम्बर को मक्का की नीलामी नहीं की गई। 7 नवम्बर को मक्का सोयाबीन और गेेेेहूं, चना की 19 हजार 16 बोरे आवक रही। मक्का की ज्यादा आवक होने से मंडी में अव्यवस्थाएं फैल रही हैं।


यह हैं समस्याएं


किसानों को दीपावली और इसके बाद आने वाले शादी के सीजन को लेकर पैसों की जरूरत है इसी के चलते वे अपनी उपज बेचने के लिए मंडी परिसर में आ रहे हैं। किसानों से जब बात की गई तो उन्होंने कई समस्याएं बताई जिसमें नीलामी की दिक्कत, हम्मालों की कमी, समय पर पेमेंट नहीं होना, पूरा माल नहीं बिकना, कई बार किसान को अपना अनाज बेचने के लिए मंडी में दो दिन रूकना पड़ता है। उनका कहना है कि पैमेंट 8 दिन में मिलता है। किसानों ने प्रशासन और मंडी प्रबंधन से मांग की है कि इन समस्याओं का निराकरण जल्द कराया जाए।


बाहर जाने लगा अनाज


जानकार सूत्रों की माने तो कृषि उपज मंडी बडोरा में पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण किसान अपना अनाज बैतूल जिले के बाहर बेचने ले जाने लगे हैं। प्रतिदिन लगभग 30 हजार क्विंटल मक्का बाहर बिकने जा रही है। मुलताई तरफ के किसान इसे महाराष्ट्र बेचने ले जा रहे हैं तो दूसरी तरफ चिचोली, भैंसदेही तरफ के किसान खण्डवा और हरदा की तरफ जा रहे हैं।


सब्जी मंडी भी बनी मुसीबत का कारण


कुछ व्यापारियों और किसानों का कहना है कि जब कृषि उपज मंडी परिसर में सब्जी मंडी नहीं थी तब इस तरह की परेशानी नहीं आ रही थी। अब यह स्थिति है कि मंडी परिसर में सब्जी मंडी आने के कारण अनाज व्यापारी और किसानों को जगह कम पडऩे लगी है। जहां सोयाबीन के ढेर लगाए जाते हैं वहीं मक्का के भी ढेर लगा दिए जाते हैं जिसके कारण सोयाबीन में मक्का मिल जाती है और इससे व्यापारी को नुकसान होता है। इसी अव्यवस्था को लेकर व्यापारी अपना विरोध जताते हैं कि सोयाबीन और मक्का को अलग-अलग स्थानों पर रखा जाए।
इनका कहना…
मंडी में काफी अव्यवस्थाएं हैं इसे जल्द ही सुधारना पड़ेगा।
प्रमोद अग्रवाल, पूर्व व्यापारी प्रतिनिधि, बैतूल
इन दिनों आवक ज्यादा होने के कारण परिसर में जगह कम पड़ रही है। जिससे बीच-बीच में व्यवस्था बिगड़ती है लेकिन उसे सुधार दिया जाता है।
श्रीमती शीला खातरकर, सचिव, कृषि उपज मंडी, बडोरा