Betul news:पानी की टंकी से कूदी सातवीं की छात्रा,हालत गंभीर जिला अस्पताल में भर्ती

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पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारी पहुंचे अस्पताल

बैतूल: एक दिल दहला देने वाली घटना में मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के एक शासकीय माध्यमिक शाला की 7वीं कक्षा की छात्रा ने स्कूल परिसर में बनी पानी की टंकी से छलांग लगा दी। घटना मंगलवार दोपहर की है, जब स्कूल में लंच टाइम चल रहा था। बताया जा रहा है कि छात्रा करीब 25 फीट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़ गई थी और शिक्षकों के लाख समझाने के बावजूद उसने छलांग लगा दी।

घटना का विवरण

लंच ब्रेक के दौरान कुछ बच्चे भोजन कर रहे थे, जबकि अन्य खेलकूद में व्यस्त थे। अचानक छात्रा पानी की टंकी पर चढ़ गई। कुछ बच्चों ने तत्काल स्टाफ रूम में जाकर घटना की जानकारी दी। प्रधानाचार्य और अन्य शिक्षक तुरंत बाहर आए और उसे समझाने का प्रयास करने लगे। शिक्षकों ने पूरी कोशिश की कि छात्रा टंकी से नीचे उतर आए। कुछ शिक्षक ऊपर चढ़कर उसे रोकने का प्रयास कर रहे थे, जबकि कुछ नीचे से उसे समझाने में लगे थे। लेकिन छात्रा ने किसी की बात नहीं मानी और कुछ ही पलों में उसने पानी की टंकी से छलांग लगा दी।

गंभीर चोटें और इलाज

छलांग लगाने के बाद छात्रा बुरी तरह घायल हो गई। उसके पैर की हड्डी टूट गई और शरीर पर अन्य चोटें भी आईं। घटना के तुरंत बाद एम्बुलेंस को कॉल किया गया, लेकिन देरी होते देख, स्कूल स्टाफ ने एक कार की मदद से छात्रा को जिला अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों की टीम ने उसका सिटी स्कैन किया और अन्य जरूरी उपचार शुरू किया। डॉक्टरों के मुताबिक, छात्रा अब खतरे से बाहर है, लेकिन उसे गहन निगरानी में रखा गया है।

कारणों की जांच जारी

इस घटना ने पूरे स्कूल में हड़कंप मचा दिया। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि छात्रा ने ऐसा आत्मघाती कदम क्यों उठाया। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और छात्रा के परिवार से पूछताछ कर रही है। स्कूल के शिक्षक और अधिकारी भी घटना के कारणों का पता लगाने में सहयोग कर रहे हैं।

घटना को लेकर स्कूल की टीचर सुनीता उइके ने बताया कि हमने पूरी कोशिश की कि बच्ची टंकी से नीचे आ जाए। उसे बार-बार समझाया, लेकिन वह कुछ भी कहने या सुनने के लिए तैयार नहीं थी।

जिला अस्पताल पहुंची एडिशनल एसपी कमला जोशी ने बताया हम घटना की हर एंगल से जांच कर रहे हैं। छात्रा से और उसके परिवार से बात कर कारण जानने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल प्राथमिकता छात्रा के स्वास्थ्य की है।