Betul News: आकर्षित कर रहे हैं मानसिक दिव्यांग बच्चों के खूबसूरत दीपक

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न्यू बैतूल स्कूल में लगाई प्रदर्शनी में खरीदने पहुंचे लोग

Betul News: बैतूल। बच्चे ठीक से सोच और बोल भी नहीं सकते,उनकी कारीगरी देखते ही बनती है। मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों ने दीपावली के मौके पर दीये का निर्माण किया है। हर डिजाइन और कलर में दीये बनाए गए है। न्यू बैतूल स्कूल में दिव्यांग बच्चे ये दीये बेच रहे हैं। दीये निर्माण से मानसिक दिव्यांग बच्चे स्वावलंबन से जुड़ रहे हैं।
ग्राम करजगांव में घरौंदा नाम से आश्रम संचालित है। यहा पर दिव्यांग बच्चे रहते हैं। बच्चों को रोजगार से जोड़ने प्रशिक्षण भी दिया जाता है। हाल ही बच्चों ने दीपावली के मौके पर दीयों का निर्माण किया है। दीये देखकर लगता ही नहीं कि मानसिक रुप के कमजोर इतने अच्छे दीये बना सकते है। इसकी बि?ी न्यू बैतूल स्कूल कोठीबाजार से की जा रही है। एक से बढकऱ एक सुंदर और अच्छी डिजाइन में दीयों का निर्माण किया है। इन दीये की खरीदी के लिए लोगों की भीड़ भी उमड़ रही है। मानसिक दिव्यांग राहुल बर्डे, सहादेव चढ़ोकार, कृष्णा कुं भारे, मयूर देशमुख ने इसका निर्माण किया है,जो ठीक से बोल और सोच भी नहीं पाते हैं। उनके द्वारा बनाए गए दीये की सभी के द्वारा प्रशंसा की जा रही है।

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घरौंदा संस्था की सचिव हेमलता पाटनकर ने बताया आश्रम में लगभग 20 बच्चे रहते है। दस से पन्द्र बच्चे दीये बनाते हैं। शिक्षक दीपक अम्बेकर द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है। होली में कलर और राखी में राखी बनाने का प्रशिक्षण देते है। बच्चों को प्रशिक्षित करने के पीछे उद्देश्य है कि वे स्वावलंबी बन सके।
न्यू बैतूल स्कूल एसोसिएशन के सचिव मोहित गर्ग ने बताया कि दीये बनाना आम व्यक्ति के बस में नहीं होता है, फिर दिव्यांग बच्चे बना रहे है तो बड़ी बात है। दिव्यांग बच्चे को स्वावलंबी बनाने की दिशा में यह अच्छा कदम है। बच्चों की मदद के लिए लोगों को दीये खरीदना चाहिए। शिक्षिका सरिता मिश्रा ने बताया दीये तो बाजार में भी मिल जाते हैं। लेकिन ये दीये खरीदने इसलिए आते हैं कि दिव्यांग बच्चों की मदद हो जाती है। इन दीये को को खरीदकर दिल को शुकून मिलता है।