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Betul News – निजी स्तर पर हो रहा सरकारी बारदाने का उपयोग

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सरकारी अनाज की खाली बोरियां बिक रही बाजार में

Betul Newsबैतूल गरीबों को वितरित होने वाले राशन में उपयोग किए जाने वाली प्लास्टिक की बोरियों का बाजार में व्यापारी और किसान धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं। खाली बोरियां बाजार में बिक रही हैं। जिसे खरीदकर व्यापारी और किसान अपने अनाज भरने के उपयोग में ले रहे हैं। इन बोरियों के उपयोग से कालाबाजारी का संदेह भी हो रहा है। कृषि उपज मंडी बडोरा में जब खबरवाणी ने पड़ताल की तो बड़ी संख्या मेंं सरकारी बोरियों में अनाज भरा मिला। कई चौकड़े तो किसानों के बताए गए और कुछ चौकड़े व्यापारियों के बताए गए।

कालाबाजारी का संदेह | Betul News

उपयोग किए जाने वाली खाली बोरी पर मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेशन प्रिंट है। इसके साथ ही इस पर लिखा है उचित मूल्य की दुकान भारत सरकार के सौजन्य से यह बोरी उपलब्ध कराई गई है। इस खाली बारदाने में राशन दुकानों पर गरीबों को वितरित होने वाले राशन में उपयोग किया जाता है। जिस तरह से खाली बोरी बाजार में बिक रही है उससे राशन दुकान के अनाज की कालाबाजारी का भी संदेह हो रहा है। इन बोरियों में कहीं राशन दुकान का अनाज बिकने तो नहीं आ रहा है यह भी एक जांच का विषय है।

बाजार में बिक रही खाली बोरियां

कृषि उपज मंडी में किसानों से बात की गई तो उनका कहना है कि यह बोरियां बाजार से खरीदी गई हैं और इसकी कीमत 20 रुपए हैं। कृषि उपज मंडी के मुख्य द्वार के बाहर ही एक गुमठी में खाली बारदाना बेचने वाला भी इस तरह की बोरी बेच रहा है। जब उससे बात की गई तो उसका कहना है कि गंज में पापुलर सोसायटी के सामने किसी माकोड़े के द्वारा और गंज में ही किसी राठौर के द्वारा यह बोरियां थोक में बेची जाती है। वहां से 16 रुपए में लाकर बाजार में 17 रुपए की बोरी बेच रहे हैं।

पहले जमा होती थी बोरी | Betul News

राशन के अनाज की कालाबाजारी रोकने के लिए पहले राशन दुकान के संचालक खाली बोरियों को जमा करते थे लेकिन अब यह बोरी वापस नहीं जा रही हैं और वे सीधे व्यापारियों को बेच देते हैं। इस संबंध में खाद्य विभाग के अधिकारियों का पक्ष लेने की कोशिश की गई लेकिन वे बैठक में व्यवस्त होने के कारण अपना पक्ष नहीं दे पाए। सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस तरह प्रायवेट रूप में सरकारी बारदाने का उपयोग कितना उचित है? यह जांच का विषय है।

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