बैतूल:- घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के ग्राम धरमपुर निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग ने अपनी बेटी के साथ एसपी कार्यालय पहुंचकर मारपीट और जान से मारने की धमकी की शिकायत की, तो दूसरी ओर बेटों और बेटी ने खुद पर दर्ज किए गए झूठे केसों को निरस्त कराने के लिए अलग आवेदन सौंपा है। दोनों ओर से जमीन विवाद को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
1. ग्राम धरमपुर निवासी बुजुर्ग महिला फैलीरानी मंडल 75 वर्ष एवं उनकी पुत्री सविता मंडल ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर आरोप लगाया है कि उनके ही परिजन – प्रभाष मंडल, सुशील मंडल, साभी मंडल, समली मंडल, सत्यवान, राजू और कृष्णा मंडल हथियारों के साथ खेत पर पहुंचे और उनके हिस्से की जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की।
2. आवेदिकाओं के अनुसार 30 जून को सभी अनावेदक खेत में कुल्हाड़ी, फावड़ा, दाव, छुरी जैसे हथियार लेकर पहुंचे और गाली-गलौज करते हुए मारपीट की। फैली और सविता को धमकाया गया कि यदि वे खेत पर दोबारा आईं, तो उन्हें जिंदा जला देंगे। शोर सुनकर मौके पर फैली के पुत्र सुनील मंडल और नारायण मंडल पहुंचे तो उन्हें भी पीटा गया। फैली रानी ने बताया कि उनके कुल पांच पुत्र प्रभाष, सुशील, सुनील, प्रदीप और नारायण एवं एक पुत्री सविता है। सभी भाई-बहन खसरा नंबर 105/2, 138, 257/2 कुल रकबा 2.135 हेक्टेयर भूमि में हिस्सेदार हैं। सभी का आपस में मौखिक बंटवारा हो चुका है और सभी अपने हिस्से की जमीन पर खेती कर रहे हैं।
3. उनका आरोप है कि प्रभाष मंडल जो हाल ही में डबल्यूसीएल बगडोना से सेवानिवृत्त हुए हैं, वे और उनके परिवारजन अब उनके हिस्से की जमीन हड़पना चाहते हैं। शिकायतकर्ता का यह भी कहना है कि जब वे थाना चोपना में रिपोर्ट दर्ज कराने गईं, तो उनकी रिपोर्ट नहीं ली गई, उल्टे पुलिस से साठगांठ कर शिकायतकर्ता के पुत्र प्रदीप, सुनील और पुत्री सविता पर झूठे प्रकरण दर्ज करवा दिए।
4. इसी मामले के दूसरे पक्ष में सुनील मंडल, प्रदीप मंडल एवं सविता मंडल ने भी पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर निवेदन किया है कि अनावेदक प्रभाष मंडल, सुशील मंडल, साभीरानी, समली, सत्यवान, राजू और कृष्णा मंडल ने उनके खिलाफ झूठी शिकायतें की हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि थाना चोपना से मिलकर उनके खिलाफ फर्जी मामले दर्ज कराए गए हैं।
5. आवेदकों ने बताया कि प्रभाष मंडल पूर्व में भी विवाद कर चुके हैं और मई 2025 में उन्होंने उनके भाई नारायण मंडल के साथ भी मारपीट की थी, जिसका प्रकरण दर्ज होकर न्यायालय में विचाराधीन है। उनका कहना है कि प्रभाष मंडल और उनके परिजन जमीन पर एकाधिकार जमाने के लिए झूठे केसों का सहारा ले रहे हैं। आवेदकों ने एसपी से निवेदन किया कि उनके खिलाफ दर्ज फर्जी मामलों को निरस्त कर अनावेदकों पर कठोर कार्रवाई की जाए।