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बैतूल:- नगर परिषद चिचोली की बैठक में पार्षदों ने खोली घोटालों की परतें, ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का लगाया आरोप

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बैतूल:- नगर परिषद चिचोली की सामान्य सभा की बैठक में पार्षदों का गुस्सा फूट पड़ा। वार्ड क्रमांक 1 की पार्षद अनिता संतोष पटेल और वार्ड क्रमांक 15 की पार्षद नेहा रूपेश आर्य ने परिषद के कार्यों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। दोनों पार्षदों ने एक विस्तृत ज्ञापन मुख्य नगर पालिका अधिकारी को सौंपते हुए कई निर्माण कार्यों, वित्तीय मामलों और पारदर्शिता की कमी को लेकर जवाबदेही की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना पार्षदों की राय लिए नगर में कार्यों को मनमाने तरीके से किया जा रहा है, जिससे परिषद की गरिमा और पार्षदों की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं।
1. ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि सामान्य सभा की बैठक लगभग 5 से 6 माह में एक बार ही हो रही है, जबकि नगर के विभिन्न वार्डों में चल रहे निर्माण कार्य, स्वच्छता मिशन, जलगंगा अभियान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर पार्षदों को जानकारी ही नहीं दी जाती। उन्होंने इसे परिषद की गरिमा का सीधा अपमान बताते हुए कहा कि पार्षदों की भूमिका को दरकिनार कर निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अनदेखी हो रही है।
– दस बिंदुओं पर स्पष्ट और दस्तावेज सहित मांगाजवाब:-
ज्ञापन के माध्यम से पार्षदों ने तालाब के सौंदर्यीकरण और अन्य कार्यों के लिए राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं से अब तक कितनी राशि खर्च की गई, किन कार्यों पर यह राशि लगी, उनके दस्तावेज मांगे गए हैं। नगर के विभिन्न वार्डों में प्रस्तावित सड़क सुधार कार्यों की सूची और पहले बनी सड़कों की खराब गुणवत्ता पर ठेकेदारों पर हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी गई है। परिषद में कार्यरत कर्मचारियों की सूची, उनका मासिक और साप्ताहिक भुगतान विवरण उपलब्ध कराने की मांग की गई है। परिषद द्वारा लाल ईंटों से बनाए जा रहे भवन, शौचालय और बाउंड्रीवॉल के निर्माण को लेकर नियमों की जानकारी मांगी गई है।
– नगर के हर दूसरे कार्य में सक्रिय हैं दो फर्में:-
दादा जी कंस्ट्रक्शन चिचोली और जय जुगनिया ड्रिलिंग खेड़ी सावलीगढ़ को ही लगातार ठेके दिए जाने पर सवाल उठाते हुए अन्य फर्मों को मौका न देने पर आपत्ति जताई गई है। वार्ड क्रमांक 9 में तालाब के किनारे निजी जमीन पर सड़क और ह्यूम पाइप ड्रेनेज सिस्टम के निर्माण को लेकर नियमों और दस्तावेजों की मांग की गई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब तक आई राशि, किए गए कार्यों और उनके दस्तावेज मांगे गए हैं। जलगंगा सरंक्षण अभियान में बनाए गए सोकपिट्स, खर्च की गई राशि और उसके साक्ष्य की मांग की गई है। पिछले वित्तीय वर्ष में शासन द्वारा दी गई योजनागत राशि और उससे संबंधित कार्यों की जानकारी मांगी गई है। वार्ड क्रमांक 9 में वॉटर बॉडी निर्माण कार्य अधूरा छोड़ने के बावजूद ठेकेदार को अधिक भुगतान क्यों किया गया, इसके दस्तावेज मांगे गए हैं। ज्ञापन की प्रतिलिपि नगरीय प्रशासन, आवास एवं विकास विभाग के आयुक्त, सहायक संचालक, प्रमुख अभियंता और कार्यपालन यंत्री को भी आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजी गई है।

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