बैतूल:- जिले में बारिश के मौसम के बीच प्रशासनिक सख्ती को ठेंगा दिखाते हुए रेत माफिया खुलेआम अवैध उत्खनन में जुटे हुए हैं। ताजा मामला घोड़ाडोंगरी तहसील के कान्हावाड़ी ग्राम पंचायत के ग्राम पिपरी क्षेत्र का है, जहां जेसीबी मशीन और टैक्टर की मदद से रेत निकाली जा रही है, जबकि जिले में कलेक्टर द्वारा वर्षा ऋतु को देखते हुए 30 जून की मध्य रात्रि से 1 अक्टूबर तक रेत खनन पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।
1. साफ साफ देखा जा सकता है कि नदी के बीच खुलेआम रेत का उत्खनन जारी है। मौके पर जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर-ट्रॉली रेत भरते नजर आ रहे हैं। यह नजारा इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि कलेक्टर के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है और खनिज विभाग की निगरानी व्यवस्था पूरी तरह विफल साबित हो रही है।
2. प्रशासन द्वारा जिले की सभी रेत खदानों, नदियों और नालों से खनन को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है, बावजूद इसके यह अवैध गतिविधियां धड़ल्ले से जारी हैं।
अब सवाल यह उठता है:-
आखिर किसकी मिलीभगत से हो रहा है ये अवैध खनन
क्या प्रशासन की नजर इस ओर नहीं है या जानबूझकर अनदेखा किया जा रहा है?
क्या घोड़ाडोंगरी में रेत माफियाओं पर अंकुश लगाने की मंशा सिर्फ कागज़ों तक सीमित है?:-
यह तस्वीर प्रशासनिक व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। ज़रूरत है कि जिला प्रशासन इस मामले में त्वरित जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसे आदेशों की अवहेलना न हो।
रेत ठेकेदार ने रेत खदान की बंद स्टॉक में से पूर्ति करेंगे रेत की:-
रेत ठेकेदार के कर्मचारी चंद्र प्रकाश मिश्रा ने बताया कि प्रशासन के आदेश के अनुसार हमारी रेत खदान 1 अक्टूबर तक बंद है हमारे पास स्टॉक में रेता उपलब्ध है जिन्हें भी आवश्यकता है वह हमारे स्टॉक से रॉयल्टी के साथ रेता ले सकता । कान्हावड़ी में इस प्रकार के रेत के अवैध उत्खनन पर प्रशासन को रोक लगाना चाहिए