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Betul District Hospital : साल में 78 लाख खर्च फिर भी छज्जों पर गंदगी का अम्बार

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जिला अस्पताल में सफाई को लेकर लापरवाही आई सामने

Betul District Hospitalबैतूल – सरकार सफाई को लेकर गंभीर है लेकिन ठेकेदार लापरवाही बरत रहे हैं। यही कारण है कि जिला अस्पताल में सफाई पर 78 लाख रुपए सालाना खर्च हो रहा है इसके बावजूद छज्जों पर गंदगी व्याप्त है जिसके कारण बदबू आ रही है और इस गंदगी से पैदा हो रहे मच्छर खिड़कियों से अंदर जा रहे हैं। समय-समय पर साफ सफाई को लेकर प्रशासनिक अधिकारी जिला अस्पताल का निरीक्षण करते हैं। और साफ सफाई को लेकर निर्देश भी देते हैं। इसके बाद भी छज्जों की सफाई की तरफ ना तो अस्पताल प्रबंधन का ध्यान जाता है और ना ही प्रशासनिक अधिकारियों का।

सफाई पर होती है भारी भरकम राशि खर्च | Betul District Hospital

जिला अस्पताल बैतूल में साफ सफाई को लेकर इंदौर की कामसेन सिक्यूरिटी सर्विस को ठेका दिया गया है। ठेकेदार ने सफाई के लिए 41 सफाई कर्मी रखे हुए हैं और कार्य की मानीटरिंग के लिए 3 सुपरवाईजर भी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा जिला अस्पताल में दो सहायक प्रबंधक हैं जिसमें शिवेंद्र अम्बुलकर और दशन पंद्राम हैं। इन दोनों की जिम्मेदारी है कि अस्पताल की सफाई व्यवस्था दुरूस्त रहना चाहिए इसके बावजूद भी सफाई नहीं हो रही है। हालांकि शिवेंद्र अम्बुलकर ट्रेनिंग पर गए हुए हैं लेकिन दशन पंद्राम वर्तमान में बैतूल में ही मौजूद हैं।

बदबू और मच्छरों से परेशान

छज्जों पर लंबे समय तक सफाई नहीं होने के कारण यहां पर डला कचरा बारिश में सडऩे लगता है जिसके कारण उससे बदबू भी आ रही है। इस कचरे में पनपने वाले मच्छर भी खिड़कियों से अस्पताल के अंदर चले जाते हैं जिससे वार्डों में भर्ती मरीजों को भी दिक्कतें होने लगती है। मरीजों के परिजनों का कहना है कि छज्जों पर डला कचरा साफ करने मेें ठेकेदार और उनके कर्मचारी रूचि नहीं दिखाते हैं। जिसके कारण यह स्थिति निर्मित हो रही है।

परिजनों की गलती आई सामने | Betul District Hospital

छज्जों पर व्याप्त गंदगी को लेकर जहां सफाई एजेंसी जिम्मेदार दिखाई देती है तो इसमें मरीजों के परिजनों की भी गलती सामने आई है। बताया जाता है कि मरीज और उनके परिजन खाने-पीने के बाद कचरा खिडक़ी से छज्जे पर डाल देते हैं। इधर एजेंसी के पास छज्जे तक पहुंचने के लिए पर्याप्त साधन नहीं होने की वजह से यहां पड़ी गंदगी की सफाई नहीं हो पाती है और यह बढ़ती जाती है। यदि इन खिड़कियों में मच्छरदार जाली लगा दी जाए तो परिजन छज्जे पर गंदगी ही नहीं फेंंक सकेंगे जिससे किसी को भी दिक्कत नहीं होगी।

इनका कहना…

छज्जों की सफाई मुश्किल कार्य है। यह मामला संज्ञान में आया है तो जल्द ही सफाई करवाई जाएगी।

डॉ. अशोक बारंगा, सिविल सर्जन, बैतूल

सीढ़ी नहीं होने के कारण छज्जों की रोज सफाई नहीं हो सकती है। छज्जों पर सफाई करने में रिस्क भी है। जल्द ही सफाई करवाई जाएगी।

दशन पंद्राम, सहायक प्रबंधक, जिला अस्पताल, बैतूल
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