नई दिल्ली – आज और कल यानी सोमवार और मंगलवार को बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहेंगी। इसकी वजह हड़ताल है। सेंट्रल ट्रेड यूनियन्स के एक जॉइंट फोरम ने केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में दो दिनों की देशव्यापी हड़ताल बुलाई है। हड़ताल की वजह से लोन सैंक्शन, चेक क्लीयरिंग जैसे काम अटक सकते हैं। हड़ताल में रोडवेज, ट्रांसपोर्ट, इलेक्ट्रिसिटी, टेलीकॉम, पोस्टल, इनकम टैक्स और इंश्योरेंस समेत अन्य सेक्टर के वर्कर भी शामिल होंगे।
ऑनलाइन बैंकिंग चालू रहेगी
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई समेत कई सरकारी बैंकों ने कहा है कि हड़ताल के कारण उनकी सेवाएं कुछ हद तक प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, लोगों की परेशानी को कम करने के लिए बैंकों ने अपनी ब्रांच और ऑफिस में जरूरी व्यवस्था की है। हड़ताल के दौरान ऑनलाइन बैंकिंग भी चालू रहेगी। इससे आप ऑनलाइन पैसों का लेन देन कर सकेंगे। लेकिन, ATM में कैश की किल्लत हो सकती है।
बैंक यूनियन की मांग
ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉइज एसोसिएशन (AIBEA) के जनरल सेक्रेटरी सीएच वेंकटचलम ने कहा है कि बैंक यूनियन सरकार से पब्लिक सेक्टर बैंक्स के प्राइवेटाइजेशन को रोकने और उन्हें मजबूत करने, बैड लोन की तेज वसूली, हायर डिपॉजिट रेट, ग्राहकों पर कम सर्विस चार्ज के साथ-साथ पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग करता है। इस हड़ताल में प्राइवेट बैंक, फॉरेन बैंक, सहकारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भी शामिल है।
सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने क्या कहा?
सेंट्रल ट्रेड यूनियन्स ने कहा कि सरकार की जनविरोधी आर्थिक नीतियों और मजदूर विरोधी श्रम नीतियों के विरोध में ये हड़ताल बुलाई गई है। यूनियन की मांगों में लेबर कोड खत्म करना, किसी भी रूप में प्राइवेटाइजेशन नहीं करना, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) को खत्म करना, मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ाना और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को नियमित करना शामिल है।
INTUC, AITUC, HMS, CITU, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF और UTUC जॉइंट फोरम का हिस्सा हैं। इस बीच, सेंट्रल पावर मिनिस्ट्री ने हड़ताल के दौरान सभी एजेंसीज को हाई अलर्ट पर रहने और चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा।