Ban : बैतूल में बोर खनन पर रोक,बिना अनुमति के जिले में प्रवेश नही कर पाएंगी मशीन

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बैतूल-ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट की संभावनाओं को देखते हुए समूचे जिले में आगामी 30 जून तक बैतूल जिले भर में निजी नलकूप खनन नहीं कराए जा सकेंगे। यदि किसी ने करवाया तो ना केवल मशीन जब्त की जाएगी, बल्कि एफआईआर भी कराई जाएगी।

बैतूल कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी अमनबीर सिंह बैंस ने ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट की संभावनाओं को देखते हुए समूचे जिले में मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत अशासकीय एवं निजी नलकूपों के खनन पर 30 जून 2022 तक प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही जिले के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र जल अभाव क्षेत्र घोषित किया है।

इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार जिले की सीमा में नलकूप/बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय राजस्व अधिकारी की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी (सार्वजनिक सड़कों से गुजरने वाली मशीनों को छोडक़र) और न ही बिना अनुमति के कोई नया नलकूप खनन करेगी।
प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीन जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन/बोरिंग का प्रयास कर रही मशीनों को जब्त कर पुलिस मेें एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार होगा।

समस्त अनुविभागीय राजस्व अधिकारी उनके क्षेत्रांतर्गत इस निमित्त अपरिहार्य प्रकरणों के लिए व अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जांच के पश्चात अनुज्ञा देने हेतु प्राधिकृत होंगे। अधिसूचना का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा-9 के अनुसार दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों से दंडित करने का प्रावधान है।

यह आदेश शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर लागू नहीं होगा तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य योजनांतर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा। इस हेतु अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं होगा। नवीन खनित निजी नलकूप एवं अन्य विद्यमान निजी जल स्त्रोतों का आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा-4 के अंतर्गत अधिग्रहण किया जा सकेगा।

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