बैतूल:- आमला तहसील में खरीफ की फसल के इस बार बुरे हाल हैं। किसानों ने उम्मीदों से जो बीज बोया था, वह खेत में उगने से पहले ही धोखा दे गया। जिला कांग्रेस कमेटी ने किसानों के साथ मिलकर इस गंभीर लापरवाही के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए विगत दिनों आमला तहसील कार्यालय पहुंचकर प्रशासन को चेताया कि या तो मुआवजा दो या आंदोलन झेलो।
1. जिला कांग्रेस कमेटी के जिला उपाध्यक्ष छन्नू बेले ने बताया कि आमला तहसील के किसानों को कृषि विभाग द्वारा वितरित किया गया सोयाबीन का जेएस 2098 बीज खेतों में बोने के बावजूद अंकुरित नहीं हुआ, जिससे खरीफ की पूरी फसल चौपट हो गई है। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा है। इस समस्या को लेकर किसानों ने आमला तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
2. ज्ञापन में मांग की गई कि जेएस 2098 बीज की गुणवत्ता खराब होने के कारण किसानों की फसल नष्ट हुई है, अत: प्रत्येक प्रभावित किसान को प्रति हेक्टेयर 18 हजार रुपए मुआवजा दिया जाए और खराब बीज वितरित करने वाली कंपनी के मालिक पर सख्त कार्रवाई की जाए।
3. छन्नू बेले ने बताया कि आमला ब्लॉक में कृषि विभाग के माध्यम से जो बीज वितरित किया गया, उसकी गुणवत्ता जांचे बिना ही किसानों को दिया गया। किसानों ने जब खेत में बुवाई की तो बीज अंकुरित नहीं हुआ। किसानों ने इस बीज से बेहतर उत्पादन की उम्मीद की थी, लेकिन यह उनके लिए भारी संकट बन गया।
4. किसानों का आरोप है कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने केवल पंचनामा बनाकर अपनी जिम्मेदारी खत्म कर दी, जबकि मुआवजे के लिए अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। किसानों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि अगर जल्द मुआवजा नहीं मिला और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
5. ज्ञापन देने वालों में जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष छन्नू बेले के साथ विश्राम उईके, ओम दास शेषकर, देवराम चौकीकर, दिलीप रावत, रमेश दामले, भोजराज, महेश, धनलाल नागले, सुखदेव नारे, रामदयाल राठौर, दिनेश, देवराव चौकीकर सहित कई किसान शामिल रहे।
खराब बीज बना किसानों की तबाही का कारण, कांग्रेस ने प्रशासन से की सख्त कार्रवाई की मांग

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