Ayushman Bharat – आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में बैतूल म.प्र. में टॉप

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टीबी मुक्त भारत में मिला सिल्वर, मीडिया कार्यशाला आयोजित

Ayushman Bharatबैतूल आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, टीबी मुक्त भारत एवं मीजल्स-रूबेला रोकथाम को लेकर एएनएम ट्रेनिंग सेंटर टिकारी के सभाकक्ष में आयोजित मीडिया कार्यशाला के दौरान स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चलाए जा रहे अभियान की जानकारी पत्रकारों को दी गई।

मीडिया कार्यशाला में सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध, सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा, डीएचओ डॉ. राजेंद्र परिहार, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. अरिंवद्र भट्ट, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आनंद मालवीय, आरएमओ डॉ. रानू वर्मा, जिला जनसंपर्क अधिकारी सुरेंद्र कुमार तिवारी, मीडिया आफिसर श्रुति गौर तोमर उपस्थित थे।

आभा आईडी में बैतूल प्रदेश में टॉप | Ayushman Bharat

सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध ने बताया कि आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट आभा आईडी बनाने के कार्यक्रम में बैतूल मध्यप्रदेश में टॉप पोजिशन पर है। अभी तक 1 लाख 52 हजार 374 आभा आईडी रजिस्टर्ड हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि इस आभा आईडी से मरीजों को बहुत फायदा होने वाला है इसलिए वे सभी लोग जिनके पास आधार कार्ड हैं वह इस आईडी को रजिस्टर्ड कर लें।

आभा आईडी 14 अंकों से बनती है। इस आभा आईडी में मरीज की केस स्टडी के साथ ही सभी जांचों का उल्लेख रहता है। जब मरीज डॉक्टर के पास जाता है और अपनी आईडी का कोड बताता है तो डॉक्टर को मरीज से संबंधित सभी जानकारी इस आईडी पर उपलब्ध हो जाती है। डॉक्टर बौद्ध ने बताया कि आभा आईडी बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिले भर में उन सभी आधार कार्ड धारकों की आभा आईडी बनना है।

टीबी मुक्त भारत में मिला सिल्वर | Ayushman Bharat

जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डॉक्टर आनंद मालवीय ने मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना टीबी मुक्त भारत में बैतूल को एक बड़ी उपलब्धि मिली है। 2023 में हुए नामिनेशन में बैतूल को सिल्वर मेडल मिला है।

बैतूल गोल्ड मेडल से थोड़ी दूर पर है। उन्होंने बताया कि 2025 में टीबी मुक्त भारत बनाने को लेकर बड़े स्तर पर कार्य चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के अलावा इस कार्यक्रम में एनजीओ की भी मदद ली जा रही है। टीबी के मरीज को 6 माह निरंतर दवाई लेनी होती है जिससे वह ठीक हो जाता है। मरीजों की निगरानी के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के अलावा एनजीओ के वालेंटियर भी सक्रिय रहता है। बैतूल में 2022 में 2037 टीबी के मरीज चिन्हित हुए हैं इनका इलाज जारी है।

महंगी दवाई मिल रही नि:शुल्क | Ayushman Bharat

टीबी के रोग से मरीजों को निजात दिलाने के लिए सरकार महंगी दवाई भी उन्हें नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है। डॉ. आनंद मालवीय ने बताया कि टीबी के कुछ मरीजों में ड्रग रजिस्टें्रस वाले मरीज होते हैं। जिन्हें दी जाने वाले डेलामेनिड, बेडक्यूलाइन जैसी दवाईयों की एक शीशी जो कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में करीब 10 से 12 लाख रुपए की आती है।

यह दवाईयां सरकार द्वारा मरीजों को नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। डॉ. सुरेश बौद्ध ने बताया कि सरकार ने टीबी के मरीजों को एडाप्ट करने की योजना चलाई है जिसमें समाजसेवी संस्था या व्यक्तिगत तौर पर एडाप्ट कर सकते हैं और मरीजों को प्रत्येक माह पोषण आहार की बास्केट दे सकते हैं। इसमें 6 माह में 6 हजार रुपए का खर्च होता है।

टीकाकरण चलाया जा रहा अभियान | Ayushman Bharat

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. अरविंद्र भट्ट ने बताया कि मीजल्स और रूबेला को लेकर टीकाकरण किया जा रहा है। अभी तक एमआर 1 में 9 माह से 11 माह के 30214 बच्चों को टीका लगाया गया है। एमआर 2 में 16 माह से 24 माह के 28983 बच्चों को टीका लगाया गया है।

इस दौरान डॉ. सुरेश बौद्ध ने खसरा की बीमारी को लेकर कहा कि यह बीमारी झाड़फूंक से ठीक नहीं होती है। इनका उपचार कराना ही जरूरी है और बच्चे की अगर इम्यूनिटी कमजोर है तो उसे विटामिन ए दो डोज देना अनिवार्य है।

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