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स्कूल की दहलीज पार करते ही हावी हो जाती है प्रेत आत्मा या अंधविश्वास? जानें भुतहा स्कूल का सच

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मंडला : क्या वाकई किसी स्कूल पर प्रेत आत्मा का साया हो सकता है? क्या सचमुच स्कूल की दहलीज पार करते ही प्रेत आत्मा हावी हो जाती है या ये सिर्फ और सिर्फ अंधविश्वास है? इस मामले की सच्चाई जानने हमारी टीम पहुंची मध्य प्रदेश के मंडला जिले में आने वाले ग्राम तिलाई. जहां पीड़ित बच्चों के परिजन, टीचर्स और स्वास्थ्य विभाग से जानने की कोशिश की गई कि आखिर ये मामला क्या है.

स्कूल आते ही बीमार हुए बच्चे, फिर फैली भूतों की कहानी

दरअसल, 2 अगस्त के बाद से ग्राम तिलाई के एकीकृत हाई स्कूल में भूत होने की अफवाह फैली है. इस स्कूल में लगभग 208 हैं, ये बच्चे तीन दिन से स्कूल नहीं आ रहे. दअरसल, 2 अगस्त को इस स्कूल में भोजन की छुट्टी के बाद जब बच्चे जब वापिस स्कूल आए तो सभी एक के बाद एक चक्कर खाकर गिरने लगे. हद तो तब हो गई जब हर कोई सिर पीटकर और चीखकर रोने लगा.

स्कूल के शिक्षकों द्वारा तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए गांव के ही आरोग्यम में दिखाया गया.इसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बम्हनी बंजर में उनका उपचार करवाया गया. शुरुआत में किसी को तुरंत आराम नहीं लगा पर बाद में सभी टीक होने लगे.

भूत प्रेत का साया या महज अफवाह और अंधविश्वास?

जब हमने बच्चों के स्वास्थ्य और उनके अजीब व्यवहार पर स्वास्थ्य कर्मियों से बात की तो उन्होंने बताया कि बच्चों को सिर दर्द, डिहाइड्रेशन और पेट दर्द की समस्या थी. सभी को ये समस्या कई कारणों से हुई थी. स्वास्थ्य कर्मी रेश्मा कार्तिक ने कहा, '' हमारे स्वास्थ्य केंद्र के सामने ही स्कूल संचालित होता है और हमें जानकरी लगते ही स्कूल पहुंचकर स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमे बच्चों को चक्कर आना, सिर व पेट दर्द की शिकायत थी. हमने बच्चों को प्राथमिक उपचार दिया.''

भूत प्रेत की बात पर स्वास्थ्य कर्मी ने कहा, '' कई तरह की अफवाह उड़ाई गई पर बच्चों को इसलिए समस्या हो रही थी क्योंकि स्कूल 10 बजे लगता है और ज्यादातर बच्चे स्कूल में बगैर खाना या नाश्ते के आ जाते हैं. इससे खाली पेट चक्कर आना, सिर दर्द और डिहाईड्रेशन हो जाता है. ज्यादा गर्मी और उमस में कई लोगों को ऐसी तकलीफ होती है.''

क्या कहते हैं स्कूल के प्रिंसिपल?

स्कूल के प्रिंसपल अनिल दुबे ने कहा, '' 2 तारीख को एक बच्ची की तबीयत बिगड़ी थी, जिसे स्कूल के ही बच्चे मेरे पास लेकर आए. बताया कि इसको चक्कर आ रहे और सिर में दर्द हो रहा है. सामने ही मौजूद स्वास्थ केंद्र से स्वास्थ्य कर्मी बुलाया गया जिन्होंने बताया कि डिहाइड्रेशन और माइग्रेन की शिकायत है. हमने आधे घंटे इंतजार किया जब स्वास्थ्य नहीं सुधरा तो हमने बम्हनी लेजाकर उपचार कराया गया. तबीयत में सुधार न देख बम्हनी अस्पताल से जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया. बाद में बच्ची स्वस्थ अपने घर लौटी है.

क्या कहते हैं जानकार?

वहीं भूत प्रेत की अफवाहों को लेकर स्वयं सेवी संगठन के कार्यकर्ता दीपक सिंह कहते हैं,'' ग्रामीण क्षेत्रों में हमने अक्सर देखा है कि स्वास्थ्य समस्याओं को भी भूत-प्रेत बाधा से जोड़ दिया जाता है. इन क्षेत्रों में अंधविश्वास और अफवाहें भी तेजी से फैलती हैं. ऐसे में हम लोगों को जागरूक करने का भी प्रयास करते हैं. स्वास्थ्य खराब होने पर जितना जल्दी हो डॉक्टरी सलाह लें और कभी भी झाड़-फूंक के चक्कर में पड़कर समय न गंवाए.''

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